Rahul Gandhi
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। वे मणिपुर के लोगों से मिलने राहत शिविर भी पहुंचे। शाम को उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मैं तीसरी बार यहां आया हूं। मैंने सोचना था कि ग्राउंड पर काफी सुधार होगा, लेकिन मुझे यह देखकर निराशा हुई कि स्थिति अभी भी वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए। मैंने शिविरों का दौरा किया और वहां लोगों से उनका दर्द सुना। मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि मणिपुर को जरूरत है कि पीएम यहां आए और यहां जो हो रहा है उसे समझे और जनता की आवाज सुनें। यहां के लोग और पूरा देश चाहता है कि वह यहां आए।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं जो भी कर सकता हूं, करने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस पार्टी यहां शांति वापस लाने के लिए जो भी कर सकती है, करने के लिए तैयार है। हमने राज्यपाल से बातचीत की और हमने राज्यपाल से कहा कि हम हर संभव तरीके से मदद करना चाहेंगे, हमने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि हम यहां हुई प्रगति से खुश नहीं हैं। मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता, यह मेरा इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि पूरा मणिपुर दर्द में है, पीड़ित है और उसे जल्द से जल्द इस पीड़ा से बाहर निकलने की जरूरत है। मैं सभी से शांति के बारे में सोचने, भाईचारे के बारे में सोचने की अपील करता हूं। हिंसा और नफरत से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है। इसलिए अगर हम शांति के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं, प्यार के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं, तो यह मणिपुर के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और मैं उपलब्ध हैं, जब भी आप चाहें मैं यहां आ सकता हूं। मुझे यहां आकर खुशी होगी और मैं आपकी बातें सुनकर खुश हूं और विपक्ष के नेता के रूप में आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा। भारत सरकार और हर कोई जो खुद को देशभक्त मानता है, उसे आगे आना चाहिए और यहां के लोगों को गले लगाना चाहिए। मणिपुर के लोगों से बात करें और मणिपुर में शांति लाएं।