राजस्थान सरकार का पहला पूर्ण बजट।
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इसी साल जनवरी में भजनलाल सरकार का अंतरिम बजट पेश करने के बाद कल बुधवार को वित्त मंत्री दीया कुमारी सुबह 11 बजे विधानसभा में पूर्ण बजट पेश करेंगी। बजट का आकार करीब 4 लाख 90 हजार करोड़ के आस-पास रह सकता है।
जानकारी के मुताबिक अंतरिम बजट में राजस्व संग्रहण के जो लक्ष्य तय किए गए थे, उनमें इस बार कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। यानी बजट का साइज भी लगभग वही रहने वाला है, जो अंतरिम बजट में पेश किया गया था। हालांकि अंतरिम बजट में घोषणा नहीं की गई थी और इस बार नई सरकार अपने पहले बजट में बंपर घोषणाएं कर सकती हैं।
रोजगार: बजट में करीब एक लाख नई भर्तियों का एलान हो सकता है। हालांकि सरकार 70 हजार भर्तियों की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं। इन्हें शामिल करते हुए ही नई एक लाख भर्तियों की घोषणा की जा सकती है।
स्वास्थ्य: निसंतान दंपत्तियों के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जा सकता है। अब तक ये इलाज बीमा कवर से बाहर है। इसके अलावा कुछ गंभीर बीमारियों के लिए भी हेल्थ कवर का एलान किया जा सकता है।
महिला महाविद्यालय का एलान: राजस्थान में जिन जिलों में महिला महाविद्यालय नहीं हैं, वहां नए महाविद्यालय खोले जाने का एलान किया जा सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर: राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर का दायरा बढ़ाने के लिए स्टेट रोड फंड का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
बिजली कंपनियों के घाटा कम करने के लिए घोषणा: राजस्थान की बिजली कंपनियों की स्थिति खराब है। अब तक करीब एक लाख करोड़ रुपये के घाटे में बिजली कंपनियां पहुंच चुकी हैं। इसलिए कुछ घाटे वाली जगहों पर प्राइवेट एडमिनिस्ट्रेशन की एंट्री की जा सकती है। घरों में सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है। जयपुर मैट्रो के लिए फेज टू को वित्तीय स्वीकृति देने का एलान किया जा सकता है।
मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार की कमाई के आंकड़े
मौजूदा वित्त वर्ष के अप्रैल और मई माह में राज्य सरकार का कुल स्टेट टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू 19 हजार करोड़ रहा है। इनमें शराब से इस साल कुल 17100 करोड़ के टैक्स कलेक्शन का अनुमान है। इसमें से अब तक आया 1192 करोड़ सरकार को मिल चुका है। वहीं, कमर्शियल टैक्स को लेकर बजट अनुमान 88300 करोड़ रखा गया है। इसमें से अब तक आया 5678 करोड़ मिल चुका है। स्टांप रजिस्ट्रेशन को लेकर अंतरिम बजट अनुमान 11300 करोड़ रखा गया है, जिसमें अब तक आया 662 करोड़ मिला है। इसी तरह खनन से राजस्व प्राप्ति का बजट अनुमान 9500 करोड़ रखा गया है, जिसमें से अब तक 613 करोड़ आया है। वहीं, ट्रांसपोर्ट से टैक्स कलेक्शन का बजट अनुमान 8100 करोड़ है, जिसमें से अब तक आया 507 करोड़ रुपये सरकार के खजाने में आ चुका है। इसके अलावा 12 हजार करोड़ रुपये की मार्केट बोरोइंग की गई है। केंद्र से ग्रांट के रूप में भी लगभग साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। इस राजस्व प्राप्ति के विरुद्ध सरकार ने मई तक 41 हजार करोड़ रुपये का खर्च किया है।