किडनी कांड में बड़ा खुलासा
– फोटो : iStock
विस्तार
भारत-बांग्लादेश किडनी प्रत्यारोपण गिरोह के मास्टमाइंड बांग्लादेशी रसेल ने सबसे पहले अपनी अपनी किडनी दान की थी। उसने वर्ष 2019 में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अपनी किडनी दी थी। उसने किडनी इसलिए डोनेट की थी कि ताकि वह किडनी डोनेट करने वाले लोगों को दिखाकर सके कि एक किडनी देने से कोई फर्क नहीं पड़ता था। गिरोह के सदस्य किडनी दानकर्ता व प्राप्तकर्ता के बांग्लादेश में ही नोएडा स्थित अपोलो व यथार्थ अस्पताल के फर्जी कागजात बना देने थे। इन फर्जी कागजातों के आधार पर इनको भारत का मेडिकल आसानी मिल जाता था।