जेक सुलिवन
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रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर चिंताओं के बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने बृहस्पितवार को कहा कि भारत के लिए रूस को दीर्घकालिक, विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखना अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब दो एशियाई दिग्गजों के बीच संघर्ष की स्थिति आएगी तो मॉस्को नई दिल्ली के बजाय बीजिंग का पक्ष लेगा।
एनएसए जेक सुलिवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की मॉस्को यात्रा के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। पिछले महीने अपने समकक्ष अजीत डोभाल के साथ बैठक के लिए भारत आए सुलिवन ने कहा, हमने भारत सहित दुनिया के हर देश को स्पष्ट कर दिया है कि रूस को दीर्घकालिक, विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखना अच्छा नहीं है।
चीन के करीब हो रहा है रूस
सुलिवन ने कहा, रूस चीन के करीब होता जा रहा है। वास्तव में यह चीन का जूनियर पार्टनर बन रहा है। और इस तरह रूस किसी भी दिन भारत के बजाय चीन का पक्ष ले लेगा। हमने हाल के वर्षों में देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता की संभावना के बारे में गहरी चिंता रखते हैं। हालांकि, सुलिवन ने स्वीकार किया कि भारत जैसे देशों का रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध है और यह रातोंरात नाटकीय रूप से बदलने वाला नहीं है। यह लंबी प्रक्रिया है।