पुराना पुल के नीचे से जा रहा सीवर का पानी।
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गंगा में नालों से गिर रहे सीवर को रोकने की योजना दिसंबर 2025 में पूरी होगी। तब तक गंगा में टेंपरेरी ट्रीटमेंट के जरिये नालों से पानी जाएगा। वर्तमान में 520 एमएलडी सीवर शहर से निकल रहा है। जबकि जल निगम के पास 7 एसटीपी के जरिये 420 एमएलडी सीवर शोधन की क्षमता है। वर्तमान में असि, नगवां और सूजाबाद के नालों के जरिये सीवर जा रहा है।
जल निगम का दावा है कि गंगा में नालों के जरिये जो सीवर जा रहा है वह टेंपरेरी ट्रीटमेंट सिस्टम के जरिये जा रहा है। इसके अलावा पंपिंग स्टेशनों पर बाईपास के लिए बनी पाइपों से जो पानी गिर रहा है वह बारिश के समय गिरता है। जल निगम उसे नाले का सीवर नहीं बल्कि बारिश का पानी मानता है।
शहर की सीवर व्यवस्था को मजबूत करने की कार्ययोजना कई सालों से चल रही है। जो अब तक पूरी नहीं हुई। शहर में 7 एसटीपी होने के बाद भी कई इलाकों से नाले का पानी सीधे गंगा नदी में गिर रहा है।