कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
– फोटो : एएनआई
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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले दिनदहाड़े हुए सामूहिक हत्याकांड के आरोपी दो सगे भाई मुकदमे की सुनवाई में दोषी पाए गए हैं। उनको अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है। सजा सुनाने के लिए अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने 25 जुलाई की तारीख तय की है।
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घटना करहल थाना के असरोही गांव की है। गांव में 20 सितंबर 2014 को सुबह लगभग 10 बजे भीड़भाड़ वाले बाजार में नीरज, सोनू, अखिलेश, सुशील की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की रिपोर्ट सोनू के चाचा जितेंद्र उर्फ भूरे ने राकेश उर्फ अब्बा, रामजीलाल निवासी नगला खुशाल कुम्हेरी, शिशुपाल उसके भाई जगन्नाथ, थानसिंह, रामराज निवासी मनौना, संजीव निवासी नगला अतिराम थाना करहल, पुलरुआ निवासी नगला जुला थाना जसवंतनगर जिला इटावा के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस की चार्जशीट के बाद शिशुपाल और जगन्नाथ के खिलाफ अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह के न्यायालय में मुकदमा चला।
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने अभियोजन की ओर से वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों को न्यायालय में पेश किया। गवाहों ने सामूहिक हत्याकांड की पुष्टि करते हुए न्यायालय में गवाही दी। गवाही के आधार पर अपर जिला जज चतुर्थ जहेंद्र पाल सिंह ने दोनों सगे भाई शिशुपाल तथा जगन्नाथ को सामूहिक हत्याकांड करने का दोषी पाया है। उनको अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेजा गया है। सजा सुनाने के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की गई है।
किशोर न्यायालय में चल रहा मुकदमा
प्रधानी की रंजिश में 10 साल पहले हुए सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी राकेश उर्फ अब्बा का मुकदमा किशोर न्यायालय में चल रहा है। जेल में रहते हुए जगन्नाथ ने अपने रिश्तेदार राकेश उर्फ अब्बा की मदद से हत्याकांड की साजिश रची थी। राकेश के किशोर होने के कारण उसके मुकदमे की सुनवाई किशोर न्यायालय में नियमित रूप से की जा रही है।