UP Police
– फोटो : अमर उजाला
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सराफ जयपाल कुमार के दो कर्मचारियों से 42.50 लाख रुपये लूट ले जाने की घटना गत 22 जून की रात की है। इसके बावजूद रामनगर थाने में मुकदमा 21 दिन बाद 13 जुलाई को दर्ज किया गया था। आरोप है कि पुलिस घटनास्थल चंदौली का बताकर भुक्तभोगी को टरकाती रही। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसे लेकर रामनगर थानाध्यक्ष की भूमिका गंभीर सवालों के घेरे में है।
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जयपाल कुमार की फर्म के कर्मचारी अविनाश गुप्ता और धनंजय यादव गत 22 जून की रात 93 लाख रुपये लेकर भुल्लनपुर से बस से कोलकाता जा रहे थे। रामनगर थाना क्षेत्र में हाईवे पर रात 11:56 बजे वर्दीधारी एक दरोगा और सादे कपड़े पहने दो लोगों ने बस रुकवाई।
तीनों ने खुद को चंदौली के सैयदाराजा थाने की क्राइम ब्रांच से बताते हुए जयपाल के दोनों कर्मचारियों को बस से उतार कर बगैर नंबर की कार में बैठा लिया। रात लगभग दो बजे अपने कर्मचारियों की सूचना पर जयपाल कुमार कटरिया बॉर्डर पर एक ढाबे पर पहुंचे। उनके कर्मचारियों ने बताया कि 50 लाख 50 हजार रुपये बचे हैं। 42 लाख 50 हजार रुपये बस से उतारने वाले पुलिस कर्मी अपने साथ ले गए हैं।