निरीक्षण के दौरान निर्देश देते कमिश्नर कौशल राज शर्मा।
– फोटो : प्रशासन
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वाराणसी शहर में सीवर ओवरफ्लो और दूषित जलापूर्ति के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी जलकल के महाप्रबंधक विजय नारायन मौर्य पर भारी पड़ी है। मुख्यमंत्री के लखनऊ जाने के बाद ही सोमवार की देर महाप्रबंधक को हटा दिया गया है। उनका तबादला गाजियाबाद किया गया है। विजय नारायन को किस पद पर भेजा गया है, इसका जिक्र तबादला आदेश में नहीं है। सिर्फ इतना लिखा है कि गाजियाबाद में तत्काल कार्यभार ग्रहण करें।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सर्किट हाउस में वाराणसी के विकास कार्यों की समीक्षा की थी। इससे पहले भाजपा के सांसद, विधायक, एमएलसी और राज्य सरकार के मंत्रियों से फीडबैक भी लिया था। इसमें सीवर ओवरफ्लो और दूषित जलापूर्ति का मामला उठाया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई थी। जलकल के महाप्रबंधक को कामकाज सुधारने की हिदायत भी दी। समीक्षा बैठक के दौरान ही लग रहा था कि इस बार कार्रवाई होगी। देर रात महाप्रबंधक को हटाने का आदेश भी आ गया।
सीवर समस्या के लिए नगर आयुक्त ने अधिकारियों की तय की जिम्मेदारी
शहर की सीवर समस्या को ध्यान में रखकर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मातहतों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को हिदायत दी कि कहीं से सीवर ओवरफ्लो की समस्या मिले तो तत्काल ठीक कराएं। कांवड़िया रूटों पर विशेष नजर रखे। इसमें लापरवाही हुई तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जलकल के अभियंताओं की भी जिम्मेदारी तय की गई। उधर, जलकल के जेएमडी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जन्ये शहर की सीवर व अन्य समस्याओं के बाबत जल कल के अधिकारियों को हिदायत दी।