रुक-रुककर हो रही भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है। इस दौरान बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जा रहे करीब 700 श्रद्धालु जगह-जगह फंसे रहे।
पागल नाला, गुलाबकोटी और पातालगंगा में सुबह पांच बजे मलबा और बोल्डर आने से हाईवे बंद हो गया। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे हाईवे सुचारु किया जा सका। एनएचआईडीसीएल की जेसीबी से मलबा हटाया गया। हाईवे खुला तो फंसे श्रद्धालु व स्थानीय लोग गंतव्य को रवाना हुए।
वहीं, भारी बारिश के बीच मलारी हाईवे लाल बाजार के पास करीब 20 मीटर तक ध्वस्त हो गया। ऐसे में दिनभर सेना, आईटीबीपी के साथ ही नीती घाटी के गांवों को जाने वाले वाहनों की आवाजाही थमी रही।
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सुबह करीब पांच बजे बंद हुआ हाईवे शाम साढ़े पांंच बजे खुल पाया। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने यहां हिल साइड कटिंग कर हाईवे सुचारू किया। लाल बाजार से आगे भी कई जगहों पर हाईवे पर भू-धंसाव हो रहा है।
मलारी हाईवे चीन सीमा क्षेत्र में सेना की अग्रिम चौकियों को यातायात से जोड़ता है। नीती घाटी के ग्रामीण भी इसी हाईवे से आवाजाही करते हैं। बृहस्पतिवार को बारिश हो रही थी और सुबह करीब पांच बजे लाल बाजार के पास 20 मीटर हाईवे ध्वस्त हो गया।
सुबह सात बजे जैसे-जैसे यहां वाहन पहुंचने लगे जाम तो जाम लगने लगा। सेना के जवानों ने वाहनों में बैठकर ही हाईवे खुलने का इंतजार किया। जबकि नीती, गमशाली, मेहरगांव, द्रोणागिरी, तपोवन, सुरांईथोटा आदि गांवों के भोटिया जनजाति के ग्रामीण करीब आधा किमी पैदल चलकर गंतव्य को पहुंचे।
बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि जेसीबी से हिल साइड कटिंग कर रास्ता बनाया गया और शाम साढ़े पांच बजे हाईवे पर आवाजाही शुरू कराई गई। कहा कि यहां हाईवे का सुधारीकरण कार्य भी किया जा रहा है।