1990 के दशक की सुपर स्टार हीरोइन ममता कुलकर्णी ड्रग्स से जुड़े एक मामले में बरी हो गई हैं. बीते दिनों बांबे हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में कुलकर्णी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया. कुलकर्णी ने एक याचिका दाखिल कर कहा था कि उन्हें ड्रग कांड में बलि का बकरा बनाया गया है. उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजुशा देशपांडे की पीठ ने कहा कि एफआईआर में उनके ऊपर लगाए गए आरोपों के अलावा कुलकर्णी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
दरअसल, यह पूरा मामला 2016 का है. उस वक्त ठाणे की पुलिस ने सोलापुर में फर्मास्यूटिकल कंपनी एवॉन लाइफसाइंसेज पर छापेमारी कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने एफेड्रीन के इस्तेमाल की योजना बनाई थी. एफेड्रीन का इस्तेमाल पार्टियों के लिए मेथ ड्रग बनाने में किया जाता है. इस एफेड्रीन को केन्या भेजे जाने की योजना थी. पुलिस का दावा है कि ममता कुलकर्णी केन्या में इस केस के सरगना विक्की गोस्वामी के साथ रहती थीं. इसी आधार पर उसने उनको आरोपी बनाया था. खैर, आज हम इस अदालती फैसले की नहीं बल्कि ममता कुलकर्णी से जुड़ी एक दूसरी कहानी की चर्चा कर रहे हैं.
दरअलस, नब्बे के दशक में ममता कुलकर्णी की गिनती टॉप की हीरोइनों में होती थी. उनके करोड़ों चाहने वाले थे. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के एक करीबी विधायक ने पटना में उनका डांस कार्यक्रम करवा दिया था. उनकी हॉट अदाओं पर पूरे बिहार के युवा मरते थे.
उस दौरान बिहार में चारा घोटाले का खुलासा हुआ था. बिहार के नेताओं और नौकरशाहों के पास पैसे की कमी नहीं थी. फिर क्या था. ममता कुलकर्णी का पटना में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. कहा जाता है कि उस कार्यक्रम के लिए ममता को उस वक्त सवा करोड़ रुपये दिए गए थे. वैसे तो आधिकारिक तौर पर एक विधायक के निजी कार्यक्रम में प्रस्तुति देने ममता बिहार आईं थी लेकिन उस कार्यक्रम में कई बड़े नेता और नौकरशाह शामिल हुए थे. हालांकि बाद में उस विधायक का नाम भी चारा घोटाले में आया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 19:04 IST