केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी।
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गया सर्किट हाउस में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा राजनीतिक चरित्र रहा है मैं काम करता हूं और कहता नहीं हूं। एनडीए का निर्देश है सभी अपने अपने संसदीय क्षेत्र में बजट के बारे में बताइए। बिहार की जनता इतना कमजोर दिमाग का नहीं है वह नहीं समझते है कि किसने क्या काम किया है? क्या कहा? 16 अप्रैल को गया गांधी मैदान में हमने कॉरिडोर कहा था। उस वक्त कॉरिडोर क्या था कोई जनता था क्या? इतना जानते है कॉरिडोर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। काशी के तर्ज पर बोधगया और विष्णुपद कॉरिडोर का निर्माण होगा।
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नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी को बोलने नहीं दिया गया, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आजकल एक टेंडेंसी हो गई है। हम समझते हैं कि राजनीत में विरोध होना चाहिए। मेरे सामने हीं ममता बनर्जी बैठी हुई थी। निर्धारित था कि पांच मिनट से ज्यादा कोई अपनी बात नहीं बोलेगा। इसी दौरान ममता बनर्जी पांच मिनट से ज्यादा का समय हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समय के बारे रिमांडर दिया। इसी पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है और वह चली गईं।
कोई शारीरिक दिक्कत हुई होगी सीएम नीतीश को
नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने पर मंत्री मांझी ने कहा कि यह आपलोग समझिए कि नीतीश कुमार बायकॉट किया या नीतीश कुमार पीएम के कितना आभारी हैं।कोई शारीरिक दिक्कत हुई होगी। हमें भी लगा कि सीएम नहीं आए हैं इनके स्थान पर डिप्टी सीएम को भेजना चाहिए था। लेकिन वह भी नहीं गए। गया में एम्स और वजीरगंज में इस्पात कारखाना के लिए बात रखे है।जितना मांगे थे उससे ज्यादा मिला है।
बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाए थे
मानसून सत्र के एक भी बैठक में तेजस्वी यादव के शामिल नहीं होने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनको अपने पिताजी से पूछना चाहिए कि जब राष्ट्रपति शासन को डिवॉक करने की बात थी तो बिहार में राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ था। इतना पावरफुल थे। केंद्रीय मंत्री थे। उस समय बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाए थे? स्पेशल राज्य का दर्जा से यह चार गुना ज्यादा बिहार को मिला है।