कांवड़ यात्रा अब अंतिम चरण में है। 22 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा दो अगस्त को शिवरात्रि पर्व के साथ संपन्न हो जाएगी। ऐसे में अब दिल्ली-हरिद्वार हाईवे डाक कांवड़ के हवाले हो गया है। धर्मनगरी में अब डाक कांवड़ियों का सैलाब उमड़ पड़ा हुआ है।
वाहनों पर सवार कांवड़ यात्रियों में कोई गंगाजल लेने जा रहा है तो कोई गंगाजल लेकर वापस अपने गंतव्यों की ओर दौड़ रहा है। वहीं, कांवड़ पटरी पर यातायात सामान्य हो गया है। पुलिस ने कांवड़ पटरी और पुल पर जो बैरिकेड्स लगाए थे, उनमें से अधिकांश को हटा दिया गया है।
नौ दिन के अंदर दो करोड़ 51 लाख 40 हजार शिवभक्तों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए। मेले के नौवें दिन मंगलवार को 62 लाख कांवड़िए रवाना हुए हैं। गंगा में डूब रहे 47 कांवड़ियों को सकुशल बचा लिया गया।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मंगलवार की शाम छह बजे तक 68 लाख कांवड़ यात्री गंगाजल भरकर रवाना हुए हैं। इससे एक दिन पहले 62 लाख रवाना हुए थे। अब तक दो करोड़, 51 लाख, 40 हजार यात्री पहुंच चुके हैं। मंगलवार को एक लाख 71 हजार 552 छोटे-बड़े वाहनों ने प्रवेश किया है।
पैदल कांवड़ यात्रा अब बेहद कम हो चुकी है लेकिन मंगलवार से डाक कांवड़ में तेजी आ गई है। कोई डाक कांवड़ लेने आ रहा है तो कोई वापस जा रहा है। डाक कांवड़ की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बाइकों के साइलेंसर हटाकर तेज आवाज के साथ उन्हें दौड़ाया जा रहा है।
वहीं चौपहिया वाहनों पर लगे डीजे भी कान फोड़ रहे हैं। इससे हाईवे पर इतना अधिक शोर बढ़ गया है कि लोग अब हाईवे की ओर जाने से ही परहेज कर रहे हैं। हालांकि पैदल कांवड़ यात्रियों की संख्या कम हो जाने से कांवड़ पटरी को खोल दिया गया है।
कांवड़ पटरी पर आवाजाही को लेकर बंद किए गए मार्ग और पुल से बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं। इससे शहरवासियों को काफी राहत मिली है।