अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के खिलाफ अपने रुख को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सांसद सतीश गौतम ने संसद में एएमयू पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि बेशक अलीगढ़ में केंद्रशासित मुस्लिम विश्वविद्यालय है और उसका ट्रॉमा सेंटर भाजपा शासन में विकसित हुआ है। मगर वहां समुदाय विशेष के डॉक्टरों की संख्या अधिक होने के कारण हिंदू परिवार इलाज के लिए जाने से कतराते हैं। इसलिए अलीगढ़ के ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय (डीडीयू) को एम्स की तरह विकसित किया जाए।
संसद में अभिवादन भाषण के लिए सांसद सतीश गौतम को बोलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मैं देश के प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री का धन्यवाद देता हूं। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सेंटर दिया गया। वह बनकर तैयार हो गया। बेशक यह केंद्रशासित है, मगर यहां समुदाय विशेष के डॉक्टरों की संख्या अधिक है। इसलिए वहां उपचार के लिए हिंदू परिवार जाने से कतराते हैं। ऐसे में जरूरत है कि अलीगढ़ में ही मौजूद दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय को एम्स की तरह विकसित किया जाए। ऐसा होने पर अलीगढ़ के साथ-साथ हाथरस, एटा, कासगंज व बुलंदशहर तक के लोगों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बेशक यह बड़ा विश्वविद्यालय है, मगर एक समुदाय के कारण और कांग्रेस के एक मंत्री द्वारा एक समुदाय के लिए लिखे गए पत्र के कारण अन्य को फायदा नहीं मिल पा रहा है। बेशक वह केंद्रशासित विश्वविद्यालय है। मगर जरूरत दीनदयाल अस्पताल को एम्स की तरह विकसित करने की है। ताकि अन्य लोगों को लाभ मिल सके।
सांसद का जेएन मेडिकल कॉलेज में हिंदू मरीज जाने से कतराते हैं संबंधी बयान मुनासिब नहीं है। उनके बयान से सहमत नहीं हूं। यहां पर सभी धर्मों के मरीज आते हैं। वर्ष 1992 में ढांचा विध्वंस के बाद कुछ वर्षों तक हिंदू मरीज यहां इलाज कराने से कतराते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मेडिकल कॉलेज में रोजाना छह हजार मरीज इलाज के लिए पर्चा बनवाते हैं।-प्रो. वीणा माहेश्वरी सीएमएस/प्राचार्या, जेएन मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, एएमयू।
मरीज का नाम नहीं, बल्कि उसकी बीमारी पूछकर डॉक्टर इलाज करता है। मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ के आसपास के 12 जिलों के मरीज इलाज कराने आते हैं। इनमें सभी धर्मों के मरीज होते हैं। सांसद अगर संसद में मेडिकल कॉलेज का बजट 25 करोड़ से ज्यादा करने की बात करते तो बेहतर होता, क्योंकि यह कॉलेज उनके संसदीय क्षेत्र में आता है।-डॉ. ओबैद अहमद सिद्दीकी, सचिव, एएमयू शिक्षक संघ, एएमयू।