चुनाव आयोग की टीम श्रीनगर में…
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भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के वीरवार को श्रीनगर के दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने वाले राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर में तत्काल विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र की बहाली समय की जरूरत है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में ईसीआई टीम सुबह श्रीनगर पहुंची।
टीम ने शेर-ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में पंजीकृत राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू भी रहे। यह टीम जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने और राजनीतिक दलों से फीडबैक लेने के लिए यहां आई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भाजपा, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (इंडिया) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आयोग की टीम के साथ मुलाकात की। राजनीतिक दल प्रदेश में तत्काल विधानसभा चुनाव की मांग पर एकमत थे।
अब चुनी हुई सरकार चाहती है प्रदेश की जनता : नेकां
नेकां के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी ने पार्टी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि नेकां जम्मू-कश्मीर में तत्काल विधानसभा चुनाव की मांग करती है। जम्मू-कश्मीर के लोग अब अपनी सरकार चाहते हैं। हमने चुनाव आयोग से निश्चित निर्णय लेने के लिए कहा। 2018 से जम्मू-कश्मीर में कोई सरकार नहीं है और पिछले 10 वर्षों से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं।
एक एलजी, उनके एकमात्र सलाहकार और कुछ नौकरशाह जम्मू-कश्मीर को नहीं चला सकते। वानी ने कहा, हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, राजनीतिक, विकासात्मक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को तब ही संबोधित किया जा सकता है जब जनता के पास चुने हुए प्रतिनिधि हों। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को आश्वासन दिया है कि चुनाव होंगे। वानी ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा पूरी हो जाएगी। कठिन समय में भी मतदान हुए हैं, यहां तक कि 1996 में भी जब हालात खराब थे।
भाजपा और कांग्रेस भी चुनाव कराने के लिए एकमत
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने भी तत्काल विधानसभा चुनाव की वकालत की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आरएस पठानिया ने कहा, हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। पार्टी चाहती है कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट की समय सीमा के भीतर हों। कांग्रेस नेता जीएन मोंगा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र फलना-फूलना चाहिए। लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले कई सालों से चुनाव के बिना हैं। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर भी चर्चा की। इसलिए, हमने अपील की कि हर पार्टी को एक ही तराजू में तोला जाना चाहिए।
विस चुनाव समय मांग : पीडीपी
पीडीपी नेता खुर्शीद आलम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार होना चाहिए। आलम ने पूछा, जब सरकार कहती है कि स्थिति में सुधार हुआ है और बेहतर है, जब एक करोड़ पर्यटक यहां आए, जब संसदीय चुनाव और अमरनाथ यात्रा बिना किसी घटना के हुई, तो चुनाव न कराने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल किया जाए। देश लोकतंत्र में विश्वास करता है, इसलिए तुरंत चुनाव कराने चाहिए। उन्होंने कहा कि ईसीआई से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
लोगों को बुनियादी हकों से वंचित रखा जा रहा : पैंथर्स पार्टी
जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के हर्ष देव सिंह ने कहा कि हमने टीम से पूछा कि आखिर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, 2018 में विधानसभा भंग हुई थी। छह साल से भाजपा का प्रॉक्सी रूल जम्मू-कश्मीर में चल रहा है। लोगों को कुचला जा रहा है और उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। उन्हें उनके बुनियादी हकों से वंचित रखा जा रहा है। चुनाव प्रक्रिया जल्द से जल्द होना लाजमी है।
पुलिस व प्रशासनिक अमले के साथ भी मंत्रणा
राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ भी बैठक कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा से कुछ हफ्ते पहले ईसीआई विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। उनकी यह यात्रा जम्मू में समाप्त होगी, जहां टीम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेगी। समीक्षा प्रक्रिया पर मीडिया को जानकारी देने के लिए जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन भी करवाया जाएगा।