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गौतमपल्ली इलाके में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने के दौरान झुलसी महिला की शनिवार देर रात मौत हो गई। बीते पांच दिन से महिला का केजीएमयू में इलाज चल रहा था। पोस्टमार्टम के बाद रविवार को पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। उधर, जेल भेजे गए महिला को आत्मदाह के लिए भड़काने वाले वकील पर अब पुलिस ने और शिकंजा कसा है। एफआईआर में गंभीर धारा बढ़ाई है।
उन्नाव के पुरवा निवासी 32 वर्षीय अंजली ने छह अगस्त को गौतमपल्ली इलाके में पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी। तकरीबन 95 फीसदी उनका शरीर झुलस गया था। गंभीर हालत में केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था। मामले में पुलिस ने खुलासा किया था कि पुरवा निवासी अधिवक्ता सुनील कुमार ने अंजली को आत्मदाह करने के लिए भड़काया था।
पुलिस ने सुनील कुमार को गिरफ्तार कर आठ अगस्त को जेल भेजा था। शनिवार देर रात करीब दो बजे अंजली की इलाज के दौरान मौत हो गई। एडीसीपी सेंट्रल मनीषा सिंह ने बताया कि एफआईआर में आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा बढ़ा दी गई है।
इसलिए आत्मदाह किया
अंजली ने करीब तीन साल पहले पुरवा निवासी देशराज से विवाह किया था। करीब दो साल का उनका बेटा है। 30 जुलाई को पति से विवाद हो गया था। दो अगस्त को उन्होंने दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने देशराज व उसके भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इधर, छह अगस्त को अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने व पुलिस पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप लगा अंजली ने खुद को आग लगा ली थी।
बेटी को अंजाम पता नहीं था, वकील ने निगल ली जिंदगी
अंजली को जरा भी अंदाजा न रहा होगा कि वह जो कदम उठाने जा रही है, उससे उसकी जिंदगी खत्म हो जाएगी। मासूम के सिर से मां का सहारा छिन जाएगा। वकील ने उसको ऐसा भड़काया कि उसकी जिंदगी ही खत्म करवा दी। ये बातें अंजली की मां लक्ष्मी ने पोस्टमार्टम हाउस में बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आपस में सबका विवाद होता रहता है, लेकिन बातचीत से ठीक हो जाती है। अगर वकील ने सही सलाह दी होती तो बेटी जिंदा होती। विवाद भी निपट जाता। लेकिन, उसने ऐसा भड़काया, कि सबकुछ खत्म हो गया। इसके पीछे की मंशा अब तक समझ नहीं आई। बहन की मौत से भाई शीलू भी स्तब्ध है।