Varanasi News: इस किस्म को भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में व्यावसायिक खेती के लिए केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा अधिसूचित किया जा चुका है। इन दोनों ही किस्मों की रोगरोधी क्षमताओं के कारण इनसे किसानों को अच्छी उपज और फसल मूल्य से लाभ मिल सकता है।
सेम और लौकी की नई प्रजाति से किसानों को मिलेगा लाभ।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
देश में कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्में देश के किसानों को समर्पित किया है। इनमें 27 बागवानी फसलों की किस्में हैं, जिनको देश के विभिन्न भागों में पैदा करके किसान अच्छी आय ले सकते हैं।
ये सभी फसलें पोषणयुक्त हैं, जिन्हें जलवायु एवं विभिन्न क्षेत्रों की अनुकूलता के लिए विकसित किया गया है। इन फसलों में वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान (आईआईवीआर) द्वारा विकसित सेम एवं लौकी की दो किस्में भी शामिल हैं जिन्हें क्रमशः काशी बौनी सेम-207 और काशी शुभ्रा के नाम दिया गया है।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेंद्र ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि काशी बौनी सेम-207 किस्म उन्नत किस्म की सेम है, जिसकी बढ़वार झाड़ीनुमा है और पौधे की ऊंचाई 65-70 सेमी है। इसके बीज की बुआई अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू होती है और नवंबर के दूसरे सप्ताह (रबी फसल) तक जारी रहती है।