सांकेतिक तस्वीर।
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विशेष न्यायाधीश आवश्यक वस्तु अधिनियम की कोर्ट में मंगलवार को प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ वाद के वादी रहे हरिहर पांडेय के निधन के बाद उनके बेटों को पक्षकार बनाने से संबंधित निगरानी अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पाई। अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। पिछली तिथि पर कोर्ट में निगरानी कर्ता की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से बहस होनी है।
पिछले माह सिविल जज सीनियर डिवीजन / फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत ने हरिहर पांडेय के निधन के बाद उनके बेटों को मुकदमे का पक्षकार बनाने की अर्जी खारिज कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल की गई।
हरिहर पांडेय के पुत्र प्रणय पांडेय और करण शंकर पांडेय की ओर से पक्षकार बनाने की मांग की गई है। कोर्ट में वाद मित्र की ओर से कहा गया कि यह वाद जनहित वाद है। इसमें कोई जरूरी नहीं है कि वादी की मृत्यु के बाद उनके वारिस को पक्षकार बनाया जाए।
इससे पहले निगरानीकर्ता के अधिवक्ता ने कहा था कि यह व्यक्तिगत वाद है। तीन लोगों ने यह वाद दाखिल किया था। ऐसे में दिवंगत वादी के वारिस भी पक्षकार बन सकते हैं।