राजस्थान में सरकारी कर्मियों का गड़बड़ाया वेतन।
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राजस्थान में पिछले एक साल से कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। कभी कर्मचारियों के खातों में एडवांस वेतन डाल कर रिकवरी के आदेश निकाले जाते हैं। कभी कर्मचारियों को समय पर वेतन ही नहीं मिलता। बहुत से मामले ऐसे हैं, जहां कर्मचारी का वेतन हजारों में है और उनके खातों में लाखों रुपये डाले जा रहे हैं।
कटौतियों को लेकर भी कर्मचारी परेशान हैं। इन सब दिक्कतों के चलते जब महकमें वित्त विभाग को चिट्ठी लिखते हैं, तो उनका जवाब देने के बजाय वित्त विभाग के अफसर इन शिकायती चिट्ठियों को ही दबा लेते हैं। हालात ये है कि हर रोज सैंकड़ों कर्मचारी वित्त विभाग में सिर्फ इसीलिए चक्कर लगाते हैं कि उनकी वेतन संबंधित समस्या दूर हो सके।
केस-1: हनुमानगढ़ में सात गुना वेतन
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय हनुमानगढ़- जुलाई में यहां के स्टाफ के खातों में अत्यधिक वेतन क्रेडिट कर दिया गया। अगस्त में जिला अधीक्षक कार्यालय से वित्त विभाग को शिकायती पत्र लिखा गया। इसमें कहा गया कि इस यूनिट के अधीनस्थ कार्मियों का वेतन माह जुलाई/2024 प्रोसेस करने पर लगभग 1600 कर्मियों की पे-स्लिप में वेतन तीन गुना, चार गुना, पांच गुना और किसी को 7 गुना दर्शित हो रहा है। आयकर में जीए-55 में सिर्फ भुगतान की राशि दर्ज है। वेतन और एरियर संबंधी भी असुविधाओं का जिक्र पत्र में किया गया। इसमें सिस्टम पर सही विकल्प ही उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
केस-2: आयकर में गलत कटौतियों की आशंका
इसी साल जयपुर पुलिस मुख्यालय से पुलिस उपायुक्त कार्यालय की तरफ से भी वित्त विभाग को चिट्ठी लिखी गई थी। इसमें आईएफएमएस 3.0 में लगातार आ रही परेशानियों के चलते वेतन प्रक्रिया पूर्व पे मैनेजर प्राणाली पर ही प्रोसस करने की मांग की गई थी। पत्र में लिखा गया था कि नए सिस्टम में आयकर कटौतियों में गलती होने की आशंका है।
केस-3: 15 बड़ी खामियां उजागर
इस कार्यालय से वित्त विभाग को पत्र लिखकर आईएफएमएस सिस्टम में आ रही 15 बड़ी खामियों के बारे में बताया गया, जिसमें सबसे पहला बिंदु ही दोहरे भुगतान का है। कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में कटौतियों को एक बार में एक ही जगह किए जाने का ऑप्शन नहीं मिल रहा था। यही नहीं यदि कोई कर्मचारी किसी माह की 14 तारीख को सस्पेंड होता है तो एक से 14 तक का उसका पूर्ण वेतन देने की सुविधा भी इसमें नहीं है।