दुष्ट कंस भगवान श्रीकृष्ण के मामा थे. कंस ने अपनी बहन देवकी के नवजात संतानों की हत्या करा दी थी लेकिन आठवीं संतान कृष्ण का बाल भी बांका न कर सके. वह जानता था कि श्रीकृष्ण ही उनके जीवन का अंत करेंगे, इसलिए वह कान्हा को मारने के लिए जतन करता रहा लेकिन नाकाम रहा.
दुष्ट कंस भगवान श्रीकृष्ण के मामा थे. कंस ने अपनी बहन देवकी के नवजात संतानों की हत्या करा दी थी लेकिन आठवीं संतान कृष्ण का बाल भी बांका न कर सके. वह जानता था कि श्रीकृष्ण ही उनके जीवन का अंत करेंगे, इसलिए वह कान्हा को मारने के लिए जतन करता रहा लेकिन नाकाम रहा.
कंस का वध करने से पहले नंद गोपाल श्रीकृष्ण ने उसके दो पहलवानों मुष्ठिक और चाणूर को मारा था। ये दोनों पहलवान कंस की सेना में बेहद विशाल और शक्तिशाली थे।
इस युद्ध में कृष्ण ने कंस के ही तलवार से उसका सिर कलम कर दिया. कहा जाता है कि जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया तब कान्हा की उम्र 11 साल की थी.
कंस का वध करने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने 11 साल 7 दिन की उम्र में गुरु सांदीपनि आश्रम में प्रवेश किया था.
जन्माष्टमी का त्योहार श्रीकृष्ण की पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है. इससे दिन कान्हा की आराधना से जीवन सुखमय बनता है.
Published at : 26 Aug 2024 11:00 AM (IST)
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