पुलिस के गिरफ्त में पशु तस्कर व आरपीएफ जवानों की फाइल फोटो
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शराब तस्करों ने आरपीएफ के जवानों जावेद और प्रमोद को खौफनाक तरीके से मौत के घाट उतारा था। एसटीएफ की जांच से पता चला कि पहले जवानों को बेरहमी से पीटा गया था। कपड़े उतारकर बेइज्जत किया, फिर चलती 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती ट्रेन से फेंक दिया था। इससे जावेद और प्रमोद की मौके पर ही मौत हो गई थी। मामले में 13 आरोपी बनाए गए हैं। इनमें से चार की गिरफ्तारी हो सकी है। नौ की तलाश अभी जारी है।
घटना के खुलासे के लिए एसटीएफ और पुलिस की टीमों ने 250 सीसीटीवी कैमरे की जांच की थी। साथ ही पीडीडीयू नगर, बक्सर, भोजपुर, आरा और यूपी के 300 ऐसे मोबाइल नंबरों की पहचान की, जो चेन पुलिंग के दौरान सक्रिय थे। फिर सर्विलांस के जरिये मोबाइलधारकों की गतिविधि की जानकारी ली गई। इसके बाद ही पंकज कुमार, प्रेमचंद वर्मा और विनय कुमार को पूछताछ के लिए एसटीएफ के वाराणसी कार्यालय बुलाया गया।
एसटीएफ की पूछताछ से पता चला कि आरोपी तस्करी के लिए शराब लेने मुगलसराय चंदौली के अलीनगर गए थे। सुरेंद्र नामक व्यक्ति से शराब की खेप ली, फिर मुगलसराय रेलवे स्टेशन आए और जनरल डिब्बे में जाकर बैठ गए। आरोपियों की सोच थी कि जनरल डिब्बे में जांच नहीं होती है। ट्रेन चलने के कुछ समय बाद ही कुचमन स्टेशन से पहले चेन पुलिंग की गई। इसका आरपीएफ कर्मी जावेद और प्रमोद ने विरोध किया।