2 सितंबर 2024 को भाद्रपद माह की सोमवती अमावस्या है. भादों की अमावस्या को कुशा ग्रहिणी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन कुशा के उपाय करने से सालभर सुख-समृद्धि बनी रहती है.
सोमवती अमावस्या पर स्नान के बाद सुबह के समय दाएं हाथ से कुशा को जड़ से उखाड़ कर पूजा में करें. कुशा का उपयोग करते हुए पितरों का तर्पण करें. मान्यता है इससे पूवर्जों की आत्मा को तृप्ति मिलती है. शनि-राहु केतु परेशान नहीं करते.
ग्रंथों में कुशा का महत्व बताया गया है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार कुशा घास के साथ पूजा-पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं. श्राद्ध कर्म सफल होता है.
सोमवती अमावस्या पर कुशा के आसन पर बैठकर शिव मंत्रों का जाप करें. माना जाता है कि कुश के आसन पर बैठकर मंत्र जप करने से मंत्र जल्दी सिद्ध हो जाते हैं. भोलेनाथ की कृपा से रोग, दोष दूर होते हैं.
कुशा भी तुलसी की तरह कभी बासी नहीं होती है. भाद्रपद अमावसया पर सालभर की पूजा, अनुष्ठान के लिए कुशा एकत्र की जाती है. इस दिन कुशा घर में लाने से कभी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती. धन का आगमन बढ़ता है.
कुशा तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखें की इसकी पत्तियां टूटी नहीं हो. किसी शस्त्र या लोहे से इसे न तोड़े.
Published at : 01 Sep 2024 10:11 AM (IST)
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