केसी त्यागी और नीतीश कुमार
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से राष्ट्रीय महासचिव किशन चंद त्यागी (केसी त्यागी) ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 1984 से इस तरह की भूमिका में रहा। वह कर्पूरी ठाकुर, बीजू पटनायक आदि का जमाना था। तब इस भूमिका को निभा रहा हूं। अब हर समय बात करने की उम्र नहीं रही, इसलिए राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी छोड़ दी है।
जनता दल यूनाईटेड के महासचिव आफाक अहमद खान ने चिट्ठी जारी कर यह जानकारी दी। कहा कि केसी त्यागी ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया गया है। उन्होंने पद छोड़ने का कारण निजी बताया है। उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को जदयू का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है।
पहली बार 1989 में इस सीट से सांसद बने
1989 में हापुड़-गाजियाबाद सीट से पहली बार जनता दल के प्रत्याशी किशन चंद त्यागी को लोगों ने जिताकर संसद भेजा। राजनीति में सक्रिय होने और स्थानीय होने का उन्हें पूरा लाभ मिला। हालांकि उनका कार्यकाल दो साल ही रहा। इस दौरान वह जनता के बीच ही उपलब्ध रहे। 73 वर्षीय केसी त्यागी पहली बार चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल से 1984 में गाजियाबाद-हापुड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और कांग्रेस के केदारनाथ सिंह से हार गए। वह दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 22.5 फीसदी वोट मिले।
1989 में जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव बने
दूसरी बार 1989 में जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव बने और गाजियाबाद से चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद बीपी मौर्य को हरा दिया। 1991 में वह इसी सीट से तीसरी बार जनतादल के टिकट से चुनाव लड़े और भाजपा के रमेश चंद तोमर से हार गए। वह करीब 24 हजार वोटों से हार गए। इसके बाद 1996 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट से गाजियाबाद सीट से चौथी बार चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का समाना करना पड़ा। इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे। 2004 में मेरठ सीट से जनतादल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2012 में बिहार से राज्यसभा सांसद बने। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के खास लोगों में हैं। वह जिले के मोरटा गांव के रहने वाले हैं।