River
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आजमगढ़ नगर से निकलने वाले 17 नालों की गंदगी बिना ट्रीटमेंट के ही तमसा में गिराई जा रही है। एनजीटी ने 2020 से पांच लाख रुपये प्रतिमाह की दर से क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने के लिए 13 अप्रैल 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस जारी होने के बाद नगर पालिका ने नालों पर जाली लगाने और बायोरेमेडिएशन करा दिए जाने की बात कही। नगर पालिका का उत्तर संतोषजनक न मिलने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 47 माह का पांच लाख रुपये की दर से 40 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है।
जुमनि की धनराशि को 15 दिन के अंदर जमा करने का भी निर्देश दिया है। नगर क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट न होने के कारण नगरपालिका नगर से निकलने वाले 17.541 एमएलडी गंदे पानी को सीधे तमसा में प्रवाहित कर रही है। इसकी शिकायत पर 2020 में एनजीटी की टीम जनपद में आई। उसने नगर से निकलने वाले नालों की जांच की। इस जांच के बाद मामला ठंडा पड़ गया।
इसके बाद 13 अप्रैल 2024 को एनजीटी द्वारा रिए गए निर्देश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि उसके द्वारा बित्ता नालों को टैप्ड किए ही नदी में दूषित पानी को छोड़ा जा रहा है।
इस पर नगर पालिका ने जवाब दिया कि उसके द्वारा नालों पर जाली लगवा दी गई है और बायोरेमेडिएशन का कार्य कराया जा रहा है। ताकि नदी में दूषित पानी न गिरने पाए। नगरपालिका के इस जवाब से असंतुष्ट होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 47 माह का पांच लाख रुपये प्रतिमाह प्रति ड्रेन की दर से 39 करोड़ 95 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। साथ ही गुमनि की इस धनराशि को 15 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है।