सांकेतिक तस्वीर
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कृषि शिक्षा में बड़े बदलाव किए हैं। इसके अनुसार, अब कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स भी पढ़ेंगे। यही नहीं, सामान्य कोर्स की तरह अब मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का प्रावधान कृषि विश्वविद्यालयों में भी लागू होगा।
विद्यार्थी एक संस्थान से दूसरे संस्थान में ट्रांसफर भी ले सकेंगे। डिग्री का भी प्रारूप बदल दिया गया है। आईसीएआर के विशेषज्ञों ने कृषि की पढ़ाई करने वाले छात्रों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी कई नए कदम उठाए हैं। आईसीएआर की छठी डींस कमेटी ने इसकी मंजूरी दे दी है। कृषि मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही इसे इसी सत्र से लागू कर दिया जाएगा।
उद्यमिता से जोड़े जाएंगे विद्यार्थी ट्रांसफर पॉलिसी भी लागू होगी
आईसीएआर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (कृषि शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल ने बताया कि विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उद्यमिता से भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए छात्रों की कम्युनिकेशन स्किल में सुधार लाया जाएगा। उन्हें इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा। विद्यार्थी खुद से प्रोजेक्ट तैयार करेंगे और उसे आईसीएआर की तरफ से मदद भी दी जाएगी। यही नहीं, अब छात्र-छात्राएं एक शिक्षण संस्थान से दूसरे शिक्षण संस्थान में ट्रांसफर भी ले सकेंगे।
डिग्री का प्रारूप भी बदला, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पॉलिसी लागू होगी
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पॉलिसी को लागू किया गया है। स्नातक प्रथम वर्ष के बाद अगर कोई छात्र पढ़ाई छोड़ता है तो उसे 10 हफ्ते का इंटर्नशिप करना होगा। इसके बाद उसे संबंधित विषय में अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट मिल जाएगा। द्वितीय वर्ष के बाद अगर कोई छात्र पढ़ाई छोड़ता है तो वह भी 10 हफ्ते का इंटर्नशिप करके यूजी डिप्लोमा हासिल कर सकता है।
कई कोर्स अनिवार्य होंगे कुछ वैकल्पिक भी
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कृषि शिक्षा को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का फैसला लिया गया है। इसके अनुसार, एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री, फिशिंग, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, कम्युनिटी साइंस, फूड न्यूट्रिशन एंड डायबिटिक्स, फूड टेक्नोलॉजी, नेचुरल फार्मिंग में स्नातक करने वाले छात्र-छात्राओं को अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग भी पढ़ाया जाएगा।