जगदंबिका पाल
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वक्फ (संशोधन) विधेयक पर इन दिनों में देश में जोर-शोर से चर्चा हो रही है। वहीं, इसे लेकर लगातार हो रही संसद की संयुक्त समिति की बैठकें पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच विवाद का केंद्र बन गई हैं। दरअसल, देश में कई सरकारी निकायों ने वक्फ बोर्डों पर उनकी संपत्तियों पर कब्जा रखने के आरोप लगाये हैं। वहीं, इन आरोपों पर विपक्षी सदस्यों ने भी अपना दावा पेश किया है। विपक्षी सदस्यों का कहना है कि असल में बहुत बड़ी संख्या में वक्फ की संपत्तियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सहित अन्य सरकारी निकायों के अनधिकृत कब्जे में हैं।
सूत्रों ने इस बारे में बताया है कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक के दौरान केवल दिल्ली की 172 वक्फ संपत्तियों की एक सूची पेश की थी। उन्होंने दावा पेश किया कि ये वक्फ की संपत्तियां एएसआई के अनधिकृत कब्जे में हैं। समिति के अध्यक्ष और भाजपा सदस्य जगदंबिका पाल के सामने उनका बयान तब आया है जबकि हाल ही में एएसआई ने दावा किया था कि उसके 120 से अधिक संरक्षित स्मारकों पर अलग-अलग वक्फ बोर्डों ने दावा किया है। इसके साथ ही एएसआई ने इन संपत्तियों पर अनाधिकृत निर्माण का भी आरोप लगाया।
बता दें कि केवल एएसआई ने ऐसे आरोप नहीं लगाए हैं। रेलवे बोर्ड के अलावा शहरी मामलों और सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी वक्फ बोर्डों के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि बीते शुक्रवार को संयुक्त समिति ने अपनी आखिरी बैठक की थी। इस बैठक में एएसआई ने अपने 53 संरक्षित स्मारकों की एक सूची पेश की थी। इसमें वे संपत्तियां शामिल थीं, जिन्हें अलग-अलग राज्य वक्फ बोर्डों ने एएसआई की घोषणा के दशकों बाद अपनी संपत्ति बताया था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव के लिए बीते संसद सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था। हालांकि विपक्ष ने इस विधेयक का यह कहकर विरोध किया कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ है। विपक्ष के विरोध को देखते हुए सरकार ने इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजने का फैसला किया। इस जेपीसी की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं। जेपीसी में कई मुस्लिम सांसदों को भी जगह दी गई है ताकि पूरे विचार विमर्श के बाद कानून बनाया जा सके।