एन बीरेन सिंह
– फोटो : एएनआई (फाइल)
विस्तार
मणिपुर में हिंसा की एक नई लहर के बीच मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने रविवार को केंद्र से राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को कुकी जो समूहों की अलग प्रशासन की मांग पर ध्यान नहीं देना चाहिए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सौंपे गए एक ज्ञापन में ये अपील की। उन्होंने कई विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। सिंह ने ज्ञापन में कहा कि केंद्र को मणिपुर में शांति सुनिश्चित करनी चाहिए और निर्वाचित राज्य सरकार को पर्याप्त शक्ति प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने सस्पेंश ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) समझौते को रद्द करने की भी मांग की।
यह समझौता 2008 में केंद्र सरकार, मणिपुर सरकार और कुकी उग्रवादी संगठनों (कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेश और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट) के बीच किया गया था और इसे समय-समय पर बढ़ाया गया है। राजभवन ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। हालांकि, ज्ञापन के क्या बात लिखी गई थी, इस बारे में राजभवन और मुख्यमंत्री ने कोई जानकारी साझा नहीं की।
विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में बीस से ज्यादा विधायक और विधानसभा अध्यक्ष थोक्चोम सत्यब्रता सिंह भी शामिल थे। यह बैठक उस समय हुई है, जब मणिपुर में ताजा हिंसा में शनिवार को जिरिबाम जिले में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, उग्रवादियों ने एक व्यक्ति की घर में घुसकर हत्या की। जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच भारी गोलीबारी शुरू हुई, जिसमें चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई।
जिरिबाम जिला पहले इंफाल घाटी और पड़ोसी पहाड़ियों में जातीय संघर्ष से प्रभावित नहीं था। जिसमें जून में एक व्यक्ति की हत्या के बाद हिंसा भड़क उठी। मणिपुर में पिछले साल मई में मैतई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। जिसके बाद बाद से हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।