ई-रिक्शा चालकों ने सवारी लेकर जा रहे ऑटो पर मारी लाठियां
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काशी जोन में गोमती व वरुणा जोन के ई-रिक्शा के संचालन पर प्रतिबंध और क्यूआर कोड आधारित चार रूट की नई व्यवस्था के विरोध में सोमवार को चालक/संचालक हड़ताल पर रहे। इसके साथ ही आरटीओ कार्यालय पर प्रदर्शन किए। इस दौरान सवारी लेकर जा रहे अपने साथियों से ही ई-रिक्शा चालकों ने बदसलूकी की।
सवारी लेकर जा रहे ऑटो चालकों से भी ई-रिक्शा चालकों ने कई जगह बदसलूकी की। इस बीच वरुणा किनारे स्थित शास्त्री घाट पर पांचवें दिन भी ई-रिक्शा चालकों के नेताओं का अनशन जारी रहा। ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल के कारण लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी।
ई-रिक्शा चालक कल्याण समिति की ओर से जिलाध्यक्ष घनश्याम यादव ने एआरटीओ को पत्रक सौंपा। मांग किया कि सिटी परमिट के लिए सालाना 2400 रुपये टैक्स का भुगतान किया जाता है। ऐसे में परमिट निरस्त कर वाहन स्वामियों को पैसा वापस कराएं। ई-रिक्शा चालकों का आरोप था कि ऑटो सिटी परमिट के लिए संभागीय परिवहन द्वारा 1900 रुपये सालाना टैक्स निर्धारित किया गया है।
यातायात पुलिस ने काशी जोन में ई-रिक्शा संचालन के लिये चार जोन एलो, ग्रीन, रेड, ब्लू में बांटा है। जिस थाना क्षेत्र के पते पर ई-रिक्शा का पंजीकरण होगा, वह सिर्फ उसी क्षेत्र में चल सकेगा। ई-रिक्शा चालक अपने रूट से बाहर किसी अन्य थाना क्षेत्र में जाएगा तो उस पर कार्रवाई होगी।
ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि साजिश के तहत जाम के नाम पर ई-रिक्शा चालकों को थानावार स्तर पर रूट निर्धारित किया गया है। यदि ई-रिक्शा चालकों पर बेवजह दबाव बनाया गया या फिर नियम बदला नहीं गया तो बड़ा आंदोलन होगा।