साइबर क्राइम रिपोर्ट
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सिम या आधार कार्ड की केवाईसी कराओ…दोगुना मुनाफा कमाओ…घर बैठे कमाएं लाखों ऐसे ही झांसे में लेकर साइबर अपराधी लोगों को शिकार बना रहे हैं। ऐसे ही ठगों ने डाक उपाधीक्षक को अपने जाल में फंसा लिया। सिम की केवाईसी के नाम पर ठगों ने एप डाउनलोड कराकर दस लाख रुपये पार कर दिए। डाक उपाधीक्षक ने साइबर थाने में मामले की शिकायत की है। साइबर पुलिस आरोपियों की कुंडली खंगालने में जुटी है।
कानपुर के वारा सिरोही कल्यानपुर के रहने वाले रामबहादुर शहर के बड़े डाक खाने में उपाधीक्षक पद पर तैनात हैं। वह फिलहाल सिविल लाइन के राधा माधव नगर में परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने साइबर थाने में दी तहरीर में बताया है कि 3 अक्तूबर को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल न उठने के बाद फोनकर्ता ने सिम की केवाईसी कराने का मैसेज करना शुरू कर दिया। अगले दिन 4 अक्तूबर को फिर से उसी नंबर से सुबह दस बजे कॉल आई। इस बार उन्होंने कॉल उठा ली। फोनकर्ता सिम की केवाईसी कराने की बोलने लगा। करीब एक घंटे तक फोन पर चली बातचीत में फोनकर्ता ने डाक उपाधीक्षक को अपने जाल में फंसा लिया।
केवाईसी कराने को लेकर उनके मोबाइल में एक एप डाउनलोड करा दिया। फिर केवाईसी चार्ज के नाम से डाक उपाधीक्षक से 10 से रुपये ट्रांसफर करा लिये। इसी बीच फोनकर्ता ने उनका मोबाइल हैक कर लिया। आरोप है इसी दौरान साबइर अपराधी ने एक बैंक खाते से 5.9 लाख और दूसरे 4.10 लाख रुपये निकाल लिए। ठगी का एहसास होने पर डाक उपाधीक्षक रामबहादुर ने पलटकर जालसाज को फोन किया तो मोबाइल बंद आने लगा। शातिर ने एफडी तोड़कर उसका भी पैसा निकाल लिया। वारदात के समय वह कार्यालय में थे। ठगी की बात सुन आसपास मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने जालसाज को कई बार पलटकर फोन किया, लेकिन उसने फोन बंद कर लिया। ठगी का शिकार होने के बाद डाक उपाधीक्षक ने ऑनलाइन पोर्टल पर साइबर ठगी की शिकार दर्ज कराई है। साइबर थाने की पुलिस आरोपियों की कुंडली खंगालने में जुटी है।
30 मिनट में शिकायत पर वापस आ सकती है रकम
साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी होने के बाद लोग दर-दर भटकते रहते हैं। लेकिन ठगी की रकम वापल हाथ नहीं लगती है। ऐसे में बैंक अकाउंट से पैसे कटने के बाद भी, उन्हें वापस करवाने का आपके पास एक मौका होता है। इसके लिए सबसे पहले हेल्पलाइन 1930 नंबर पर कॉल करें। यह नंबर ऑल इंडिया साइबर फ्रॉड पोर्टल का है। इस नंबर पर 30 मिनट के भीतर शिकायत दर्ज कराने पर रकम वापस होने की संभावना ज्यादा रहती है, क्योकिं शिकायत मिलते ही साइबर टीम सबसे पहले साइबर ठगों का बैंक खाता फ्रीज कर देती है। अगर ठग ने तब तक उन पैसों को एटीएम से नहीं निकाला है तो वह वापस हो जाता है। शिकायत देरी से होने पर वापस होने की उम्मीद न के बराबर हो जाती है। अगर 24 घंटों बाद आप ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।