मां सिद्धिदात्री अपने नाम स्वरूप सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी मानी गई हैं. माता की कृपा से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं. स्वंय शिव जी ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से 9 सिद्धियों को प्राप्त किया था.
11 अक्टूबर को नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा में बैंगनी रंग के वस्त्र पहनें. देवी को कमल या गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. इस मंत्र का जाप करें. ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
मां सिद्धिदात्री का मंत्र – सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥
शारदीय नवरात्रि की महा नवमी पर 9 कन्याओं को हलवा, पूड़ी, चने की सब्जी खिलाएं और उन्हें दक्षिणा दें. कहते हैं इससे माता सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर माता की पूजा के बाद देवी के सहस्त्रनामों का जाप करते हुए हवन करें. दुर्गा नवमी पर हवन में आहूति देने के बाद ही 9 दिन के व्रत और पूजा संपन्न मानी जाती है.
कहते हैं हवन के धुएं से प्राण में संजीवन शक्ति का संचार होता है. इसके जरिए बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.
Published at : 10 Oct 2024 06:23 PM (IST)
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