शहबाज शरीफ
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शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक इस साल पाकिस्तान में आयोजित हो रही है। इस बैठक को लेकर पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां इतनी डरी हुई हैं कि उन्होंने पांच दिनों तक इस्लामाबाद और रावलपिंडी जैसे प्रमुख शहरों में सभी गतिविधियां बंद कर दी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्लामाबाद और रावलपिंडी में 12 अक्तूबर से लेकर 16 अक्तूबर तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे और इस दौरान सभी रेस्तरां, शादी हॉल, कैफे और स्नूकर क्लब पूरी तरह से बंद रहेंगे।
सभी दुकान-प्रतिष्ठान मालिकों से भरवाए गए गारंटी बॉन्ड
इतना ही नहीं दोनों शहरों में विभिन्न इलाकों के पुलिस अधिकारी सभी प्रतिष्ठान मालिकों से गारंटी बॉन्ड भरवाएंगे कि उनके प्रतिष्ठान पांच दिनों तक बंद रहेंगे। पुलिस अधिकारियों ने सभी प्रतिष्ठान मालिकों को समन जारी कर श्योरिटी बॉन्ड भरने का निर्देश दिया है, अगर इस बॉन्ड का उल्लंघन हुआ और कोई प्रतिष्ठान खुला पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों के मुताबिक एससीओ बैठक के दौरान पांच दिनों तक अदियाला जेल में संदिग्धों को पांच दिनों तक अदालत में भी पेश नहीं किया जाएगा और अदालती कार्यवाही 16 अक्तूबर के बाद ही शुरू होगी। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए, पूरे शहर में बहुमंजिला इमारतों की छतों पर कमांडो और स्नाइपर शूटर तैनात किए जाएंगे।
कबूतर-पतंग उड़ाने पर भी रोक
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, नूर खान चकलाला एयरबेस के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे में कबूतर उड़ाने और पतंग उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। घरों और प्लाजा की छतों पर कबूतरों के जाल हटाने का भी अभियान चलाया जा रहा है। एससीओ बैठक के चलते पाकिस्तान सरकार ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद में 14-16 अक्तूबर तक तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। इस दौरान दोनों शहरों में सभी शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
पाकिस्तान में आयोजित होगी एससीओ बैठक
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की अध्यक्षता में एससीओ शिखर सम्मेलन 16 और 17 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे। एससीओ शिखर सम्मेलन का गठन साल 2001 में किया गया था, जिसमें चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य थे। यह यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन का अहम मंच है। इसके बाद संगठन का विस्तार हुआ है और इसमें भारत, पाकिस्तान और ईरान पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए, जबकि अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया पर्यवेक्षक देश का दर्जा रखते हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान का दौरा करेंगे। यह लगभग नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी, इससे पहले दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी।