नवाज शरीफ
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के रिश्ते को लकर कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने अतीत को पीछे छोड़कर एक अच्छे पड़ोसी की तरह आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने कहा कि दोनों पक्षों को अब बातचीत करनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
पूर्व पाकिस्तानी पीएम ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान दौरे को इस दिशा में एक शुरुआत बताया है। बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार को लगभग 24 घंटे की यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे। वह पिछले नौ वर्षों में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बन गए। यह दौरा संबंधों में जारी तनाव के बीच हुआ है।
एस जयशंकर की यात्रा को बताया अच्छी शुरुआत
पाकिस्तान मुस्लिस लीग (एन) के अध्यक्ष शरीफ ने भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि वे दोनों देशों के संबंधों में लंबे समय से चले आ रहूी खटास से खुश नहीं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दोनों पक्ष सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे।
इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते पर जमी बर्फ को हटाने के लिए जयशंकर की यात्रा एक शुरुआत है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते न ही पाकिस्तान और न ही भारत। हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए।
पीएम मोदी के लाहौर यात्रा को किया याद
पत्रकारों से बातचीत के दौरान नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिसंबर 2015 में काबुल से लौटते समय अचानक लाहौर में उतरने के वाकये को भी याद किया। उन्होंने पीएम मोदी यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में लंबे समय से रुके होने से खुश नहीं हैं और उम्मीद है कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे काबुल से फोन किया और मुझे जन्मदिन की बधाई देने के लिए कहा, तो मैंने कहा कि उनका बहुत स्वागत है। वह आए और मेरी मां से मिले। ये छोटे-मोटे इशारे नहीं हैं, इनका हमारे लिए कुछ मतलब है, खासकर हमारे देशों में। हमें इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इमरान खान को ठहराया जिम्मेदार
नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच संबंधों में ज्यादा खटास के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इमरान खान द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि इमरान खान ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिससे रिश्ते खराब हो गए। दोनों देशों के नेताओं और पड़ोसियों के तौर पर हमें ऐसे शब्दों के बारे में सोचना तो दूर, बोलना भी नहीं चाहिए। मैं रिश्ते में आई रुकावट से खुश नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान के उन लोगों की बात कर सकता हूं जो भारतीय लोगों के लिए सोचते हैं और मैं भारतीय लोगों के लिए भी यही कहूंगा।
शरीफ ने की क्रिकेट संबंधों में नई शुरुआत की अपील
पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने की वकालत की। उन्होंने ये भी कहा कि अगर दोनों टीमें पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे।
शरीफ ने कहा कि एक-दूसरे के देशों में टीम न भेजने से हमें क्या फायदा होगा। वे पूरी दुनिया में खेलते हैं, लेकिन हमारे दोनों देशों में इसकी अनुमति नहीं है। इसके साथ ही जब पत्रकारों के द्वारा पूछा गया कि क्या भारत को फरवरी में पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम भेजनी चाहिए। शरीफ ने कहा कि आपने वही कहा जो मेरे दिल में है।”
व्यपारिक रिश्ते पर भी बोले शरीफ
इसके साथ ही नवाज शरीफ ने भारत पाकिस्तान के व्यपारिक रिश्ते को लेकर कहा कि हो सकता है कि मेरी सोच दूसरों से अलग हो लेकिन मेरा मानना है कि हम एक-दूसरे के लिए संभावित बाजार हैं। भारतीय और पाकिस्तानी किसानों और निर्माताओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए बाहर क्यों जाना चाहिए? अब सामान अमृतसर से दुबई के रास्ते लाहौर जाता है। हम क्या कर रहे हैं, इससे किसे फायदा हो रहा है? उन्होंने कहा जिस काम में दो घंटे लगने चाहिए उसे करने में अब दो सप्ताह लग जाते हैं। वहीं शरीफ ने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा को भी याद किया।