घटना के बाद रोते-बिलखते परिजन।
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बिहार में शराब बंदी के बावजूद शराब का मिलना कोई नई बात नहीं रह गई है। हालांकि शराबियों के ऊपर निर्भर करता है कि वह महंगी या सस्ती शराब पियेगा। सस्ती दर पर मिलने वाली शराब पीने से ना जाने कितने की जाने चली गई है, तो दो शराबियों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी है। वहीं दर्जनों व्यक्ति सरकारी या किसी निजी नर्सिंग होम में अपना इलाज करा रहे है। जहरीले शराब कांड में मौत की जन्मस्थली सारण जिले के मशरक ही है। क्योंकि मशरक थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर गांव में तीसरे दिन तक मौत का सिलसिला जारी रहा। लेकिन चौथे दिन अभी तक कही से किसी की मृत्यु होने की सूचना नहीं मिली है। हालांकि शुक्रवार को मशरक के अलावा मढ़ौरा और पानापुर में शराब पीने से संदिग्ध परिस्थियों में तीन व्यक्तियों की मौत हुई है।
केवल मशरक में 12 की मौत हुई
जिले में अब तक 16 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। इसमें अब तक केवल मशरक में 12 की मौत हुई है तो मढ़ौरा में दो और पानापुर में दो की मौत जहरीले शराब पीने से हुई है। हालांकि लगभग 40 के करीब बीमार लोगों का इलाज अस्पताल में कराने के बाद घर भेज दिया गया है। मशरक थाना क्षेत्र के ब्राहिमपुर में चार, खजुरी में दो, गंडामन में दो तथा बलि बिशुनपुरा में दो, सुंदर में एक, पिलखी में एक शामिल है। जबकि एक मृतक के परिजन कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो शराब तो सभी जगह मिलती है लेकिन कोई इसके खिलाफ खुल कर बोलेगा नहीं। क्योंकि शराब से जुड़े कारोबारियों का हुजूम इस कदर बढ़ा हुआ है कि विरोध करने वालों पर कभी भी हमला या मारपीट करने पर उतारू हो जाते है।
इधर, जिला प्रशासन द्वारा जारी बयान के अनुसार ज़हरीली शराब पीने से मात्र सात व्यक्तियों की मौत संदिग्ध परिस्थियों में हुई है।
1. इस्लामुद्दीन अंसारी, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
2. शमसाद अंसारी, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
3. प्रदीप साह, पिलखी, थाना- मशरक
4. शंभु नारायण सिंह, कईया टोला, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
5. धर्मेन्द्र राम, ब्राहिमपुर, थाना- मशरक
6. शिवजी ठाकुर, गंडामन, थाना- मशरक
7. अनील माँझी, बाली विशुनपुरा, थाना- मशरक