लखनऊ में एथलीट नीरज चोपड़ा।
– फोटो : amar ujala
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ओलंपिक इतिहास में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले इकलौते भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने लखनऊ को बेहद खास बताया। उन्होंने कहा कि आज से 12 साल पहले मैंने यहां आयोजित जूनियर नेशनल एथलेटिक्स मीट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ पहला स्वर्ण जीता था। इसके बाद मेरे कॅरिअर ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया। उसके बाद लखनऊ आना तो कम हो गया, लेकिन यह शहर हमेशा के लिए मेरे दिल में बस गया।
चार साल पहले टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेताओं के सम्मान समारोह में आखिरी बार यहां आना हुआ था, लेकिन उस समय व्यस्तताओं के चलते शहर घूम नहीं पाया। इसलिए आज का दिन मैंने लखनऊ को समझने में बिताया। नीरज ने कहा कि सुबह दिन की शुरुआत शर्माजी की चाय के साथ हुई, जो लाजवाब थी। इसके बाद यहां पालक पत्ता चाट और घेवर का स्वाद लिया, जो मेरे लिए नया अनुभव रहा। दोनों का ही स्वाद अपने यहां से काफी अलग और अच्छा लगा। कुछ मिलाकर यह कहना चाहता हूं कि लखनऊ के खानपान की बात ही निराली है।
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स्कूली बच्चों से मिले नीरज
इस दौरान नीरज चोपड़ा शहर के ला-मार्टिनियर कॉलेज गए। वहां बच्चों से मुलाकात की। उनके साथ बैडमिंटन और टेबल टेनिस खेला। इसके बाद छात्रों ने नीरज चोपड़ा से तमाम सवाल पूछे। जवाब में स्टार एथलीट ने कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। इसे हासिल करने के लिए ईमानदारी से कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। लक्ष्य निर्धारित करके पूरी लगन से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ खेलना बहुत जरूरी है। खेलने से जितना फिट होंगे, पढ़ाई उतनी अच्छी होगी। इसलिए अपनी दिनचर्या में खेलों को जरूर शामिल करना चाहिए।