गाजा में हमला
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि गाजा में बीते एक साल से जारी युद्ध में 43 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। जिनमें आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इनमें वे 96 मृतक भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले दो दिनों में अस्पतालों में लाया गया था। इस बीच, इस्राइली सेना (आईडीएफ) ने कहा कि उसने उत्तरी गाजा में एक अभियान शुरू किया है, जिसमें पिछले साप्ताहांत पर अस्पताल पर हमला भी शामिल है। सेना ने कहा कि उसने शुक्रवार को बेइत लाहिया के कमाल अदवान अस्पताल में कार्रवाई के बाद 100 संदिग्ध हमास लड़ाकों को गिरफ्तार किया है।
आईडीएफ ने अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को हिरासत में लिया: डब्ल्यूएचओ
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस्राइल पर अस्पताल के 44 कर्मचारियों को हिरासत में लेने का आरोप लगाया है। व वहीं, फलस्तीनी चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि यह अस्पताल हमले में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। अस्पताल में करीब 200 मरीजों का इलाज चल रहा था। आईडीएफ का कहना है कि हमास और अन्य चरमपंथी अस्पतालों का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। जबकि फलस्तीनी चिकित्सा अधिकारी इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं और आईडीएफ पर जानबूझकर नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने का आरोप लगा रहे हैं।
इस्राइली सेना ने उत्तरी गाजा को खाली करने की चेतावनी
एक इस्राली सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि कमाल अदवान अस्पताल के आसपास भारी संघर्ष हुआ, अस्पताल के अंदर नहीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कुछ लड़ाकों ने डॉक्टरों का भेष धारण किया हुआ था। इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस्राइली सेना ने उत्तरी गाजा के निवासियों से उन स्थानों को खाली करने को कहा है, जहां पिछले तीन हफ्तों से बड़े पैमाने पर कार्रवाई जारी है। एक अधिकारी ने कहा कि जबालिया में अभियान कई और हफ्तों तक चलेगा।
उत्तर गाजा में फंसे चार लाख लोग, भुखमरी फैल रही: संयुक्त राष्ट्र
इस महीने संयुक्त राष्ट्र ने पहले बताया था कि उत्तरी गाजा में अभी भी कम से कम चार लाख लोग फंसे हुए हैं और मानवीय मदद में कमी के कारण भुखमरी फैल गई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सात अक्तूबर 2023 से युद्ध शुरू होने के बाद से कम से कम 43,020 लोग मारे गए हैं और 1,01,110 लोग घायल हुए हैं। मंत्रालय ने इनमें हमास के लड़ाकों और नागरिकों के बीच भेद नहीं किया है। यह युद्ध तब शुरू हुआ, जब हमास के लड़ाकों ने सात अक्तूबर को इस्राइल की सुरक्षा बाड़ को तोड़कर घुसपैठ की। जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। उनमें अधिकांश नागरिक थे। इसके अलावा, ढाई सौ लोगों का अपहरण किया गया था।
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