यमुना किनारे श्रद्धालु
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चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने खरना किया। इसमें पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद श्रद्धालुओं ने सायंकाल को पूजन कर रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान प्रसाद अपने परिवार के साथ आसपास के लोगों में भी बांटा। श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की उपासना में खुद को समर्पित किया।
छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को ‘नहाय-खाय’ से हुई। इसमें व्रतियों ने नदियों और तालाबों में स्नान कर शुद्धता का प्रतीकात्मक संकल्प लिया और शाकाहारी भोजन ग्रहण किया। नहाय-खाय के बाद बुधवार को खरना का आयोजन हुआ जो कि छठ महापर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
व्रतियों ने अर्घ्य की तैयारी की : व्रती बृहस्पतिवार को अस्ताचल सूर्य को पहला अर्घ्य देंगे। इसके लिए दिल्ली के बाजारों में बुधवार को खूब चहल-पहल रही। श्रद्धालुओं ने अर्घ्य देने के लिए फल, गन्ना, नारियल, मिट्टी के दीपक, और अन्य पूजन सामग्री खरीदी। ठेकुआ बनाने की तैयारी भी परिवारों में जोरों पर है।
ठेकुआ का प्रसाद सूर्य देव को अर्घ्य के रूप में चढ़ाया जाएगा। श्रद्धालु बृहस्पतिवार दोपहर बाद अपने परिवारों के साथ यमुना नदी, पश्चिमी यमुना नहर, तालाबों और अन्य अस्थायी घाटों की ओर रवाना होंगे। वहां वह जल में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देंगे।
घाटों पर छठ महापर्व की भव्य तैयारियां
छठ पर्व पर अर्घ्य के लिए दिल्ली के विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालु एकत्रित होंगे। विशेषकर यमुना नदी के घाटों पर बृहस्पतिवार की शाम और शुक्रवार की सुबह श्रद्धालु जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके अलावा इंडिया गेट स्थित बोट क्लब, पश्चिमी यमुना नहर, तालाबों और विभिन्न काॅलोनियों में बनाए गए कृत्रिम जलाशयों में भी अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है। सभी स्थानों पर पंडाल लगाए गए हैं और दिवाली की तरह सजावट की गई है।