बीना/सोनभद्र। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का संध्या अर्घ्य देकर उपासको ने सूरज देव को नमन किया। इस अवसर पर व्रती श्रद्धालु सूर्यास्त के समय पानी के किनारे खड़े होते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। श्रद्धालुओं से तालाब के चारो ओर खचा खच भरा रहा। पुलिस घाट पर पूरी तरह मुस्तैद रही। समाज सेवियों द्वारा सुबह प्रसाद का भी व्यवस्था किया गया है।
बतादें कि गुरुवार को बीना के रामजानकी मंदिर के पास बने तालाब पर लोक आस्था का महापर्व छठ के श्रद्धालुओं द्वारा डूबते सूर्य देवता को नमन किया गया। वही सुबह आखिरी दिन बिना-कुछ खाए-पीए यानी निराहार और निर्जला रहते हुए सूर्य देवता को प्रत्यक्ष देवता मानकर व छठी माईया की पूजा करते हुए अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जायेगा। हिन्दू धर्म का छठ ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
प्रसाद के रूप में ठेकुआ समेत अन्य पूजा सामग्री छठी मईया को अर्पित करते है। यह पर्व बीना के रमजानकी मंदिर के तालाब पर बड़े धूम धाम से मनाया जाता है जहाँ श्रद्धालुओं से तालाब खचा खच भरा रहता है। भीड़ को देखते हुए पर्व को सम्पन बनाने मे प्रसाशन पूरी तरह मुस्तैद रही। समाज सेवियों द्वारा सुबह प्रसाद व चाय का वितरण भी किया जायेगा। घाट पर लाइट एवं सजावट का पूरी तरह व्यवस्था किया गया है।