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9 नवंबर को खैर में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूनिवर्सिटी में आरक्षण दिए जाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार के अनुदान से यूनिवर्सिटी संचालित होती है, तो उसके नियम-कानून मानने में पीछे क्यों हट रही है।
डीएस डिग्री कॉलेज में एएमयू में आरक्षण को लेकर छात्र पंचायत को संबोधित करते बल्देव उर्फ शीटू चौधरी – फोटो : संवाद
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सीएम योगी आदित्यनाथ के एएमयू में आरक्षण की वकालत के बाद इस पर फिर से बहस छिड़ गई है। 11 नवंबर को डीएस कॉलेज में छात्रों ने पंचायत कर एएमयू में आरक्षण की मांग की है। इस बीच यूनिवर्सिटी इंतजामिया ने स्पष्ट किया है कि विवि में किसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। मुस्लिम छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करने की खबरें झूठी और भ्रामक हैं।
उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर को खैर में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूनिवर्सिटी में आरक्षण दिए जाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार के अनुदान से यूनिवर्सिटी संचालित होती है, तो उसके नियम-कानून मानने में पीछे क्यों हट रही है।
एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी सदस्य प्रो. आसिम सिद्दीकी ने कहा कि एएमयू में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश या भर्ती में कोई आरक्षण नहीं देता है। विवि से संचालित स्कूलों से पास होने वाले विद्यार्थियों के लिए एक आंतरिक कोटा प्रणाली है। इसके लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाती हैं, चाहे उनका धर्म या आस्था कुछ भी हो, बशर्ते कि छात्र पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों। उन्होंने कहा कि एएमयू में मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित करने की खबरें झूठी और भ्रामक हैं।