पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा गया है, इस पर शनि, बृहस्पति ग्रह और मां लक्ष्मी का शुभ प्रभाव रहता है, यही वजह है कि खरीदारी, मांगलिक कार्य करने के लिए पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ फलदायी होता है. a
चातुर्मास 12 नवंबर को खत्म हो रहे हैं. चातुर्मास में मांगलिका कार्य बंद होते हैं. ऐसे जो लोग गृह प्रवेश,मुंडन, जनेऊ संस्कार, घर के निर्माण कार्य या फिर सोना चांदी, वाहन, भूमि, भवन की खरीदार का सोच रहे हैं, कोई नया कार्य आरंभ करना है तो नवंबर में गुरु पुष्य योग का शुभ संयोग बन रहा है.
21 नवंबर 2024 में इस साल का आखिरी पुष्य नक्षत्र बन रहा है, खास बात ये है कि ये गुरु पुष्य नक्षत्र होगा, जो चातुर्मास की समाप्ति के बाद बनेगा.
गुरु पुष्य नक्षत्र पर 21 नवंबर को सुबह 06 बजकर 49 मिनट से दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा, इस दौरान मांगलिक कार्य और खरीदारी कर सकते हैं.
गुरु पुष्य योग में चांदी का लक्ष्मी यंत्र या फिर सोना, पीतल खरीदें. मान्यता है इससे घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. बृहस्पति की कृपा से भाग्य का साथ मिलता है.
गुरु पुष्य नक्षत्र को लेकर मान्यता है कि इस दिन खरीदी गईं चीजें अक्षय होती है. अक्षय का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय ना हो. नए कार्य की शुरुआत करने से उसमें सफलता मिलती है.
Published at : 12 Nov 2024 02:22 PM (IST)
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