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Pilibhit Encounter
– फोटो : अमर उजाला
पंजाब और पीलीभीत पुलिस के साझा ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों के पास से मिले दो ग्लॉक पिस्टल और अन्य हथियारों के तार पाकिस्तान से जुड़ सकते हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां इन हथियारों की कुंडली खंगाल रही हैं। फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में इन हथियारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
पंजाब में आतंकियों और अपराधियों से बरामद हथियारों से जोड़कर देखा जाए तो यहां बरामद हथियारों के पाकिस्तानी कनेक्शन की आशंका अधिक हो जाती है। पुलिस ने 23 दिसंबर को मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से पिस्टल के अलावा दो एके 47 व 100 से अधिक कारतूस बरामद किए थे।
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मौके पर मिली पिस्टल
– फोटो : अमर उजाला
चांदी का कड़ा, रोलैक्स घड़ी और करीब 45 हजार नकदी भी मिली थी। आतंकियों के पास से बरामद दोनों ग्लॉक पिस्टल में ऑस्ट्रिया लिखा हुआ है। पुलिस जांच में इंग्लैंड में बैठे आतंकियों के मददगार बब्बर खालसा के आतंकी कुलबीर सिंह सिद्धू का नाम प्रकाश में आया है। इसी कड़ी में आशंका है कि उक्त हथियार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं के द्वारा ही उपलब्ध कराए गए।
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आतंकियों से बरामद गोलियां
– फोटो : अमर उजाला
पुलिस अब राज्य, केंद्रीय व अन्य एजेंसियों के संपर्क में है, ताकि सटीक जानकारी मिल सके। इतना हीं नहीं बरामद एके 47 और कारतूसों की भी जांच हो रही है। एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि आतंकियों से बरामद हथियारों की जांच-पड़ताल हो रही है। सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है। पंजाब पुलिस से भी इनपुट लिया जा रहा है।
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मौके पर मिली एके-47
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आतंकियों के पास मिले मोबाइल फोन से भी खुलेंगे कई राज
मुठभेड़ में ढेर हुए तीनों आतंकियों के पास मिले मोबाइल फोन से भी कई राज खुलने की संभावना जताई जा रही। कागजी प्रक्रिया के बाद पुलिस मोबाइल फोन को जांच के लिए लैब भेजेगी। ऐसा माना जा रहा है कि फोन में आतंकियों के स्थानीय कनेक्शन को लेकर कई बातें सामने आ सकेगी।
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पुलिस ने बरामद किया सामान
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मध्यप्रदेश कनेक्शन की पड़ताल भी हुई तेज
23 दिसंबर को एनआईए ने पंजाब के गुरदासपुर निवासी जतिंदर सिंह उर्फ ज्योति को मुंबई के मानखुर्द से गिरफ्तार किया था। वह हथियार सप्लाई करने वाले बलजीत सिंह उर्फ राणा की गिरफ्तारी के बाद जुलाई 2024 से फरार चल रहा था। पूछताछ में पता चला कि उसने मध्य प्रदेश से 10 पिस्तौल लाकर पंजाब के लांडा और बटाला के गुर्गों तक पहुंचाईं थी।