हाथरस सदर कोतवाली इलाके की आशीर्वाद धाम कॉलोनी में मासूम बच्चियों के दोहरे हत्याकांड में बृहस्पतिवार रात बड़ा खुलासा हुआ है। मुठभेड़ में गिरफ्तार घायल दोनों आरोपियों ने पूरी साजिश स्वीकारी और बताया कि लकवाग्रस्त (पैरालाइज्ड) प्रवक्ता को परिवार सहित खत्म करने की सुपारी उन्हें दुबई में बैठे प्रवक्ता के सगे भतीजे ने दी, जिसकी नीयत उनकी संपत्ति पर थी। वह प्रवक्ता की पत्नी के जाग जाने के चलते बेटियों की ही हत्या कर पाए, इसके बाद भाग गए।
फतेहपुर के जहानाबाद क्षेत्र के गांव किशनपुर कपसिया निवासी छोटेलाल गौतम हाथरस के चंदपा क्षेत्र के गांव मीतई स्थित जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज में भूगोल के प्रवक्ता के पद पर तैनात हैं। वह आगरा रोड स्थित आशीर्वाद धाम कॉलोनी में मकान बनाकर रहते हैं।
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हमले में घायल दंपती
– फोटो : अमर उजाला
विधि व सृष्टि की गला रेतकर हत्या
बुधवार रात छोटेलाल गौतम के रिश्ते का भतीजा विकास अपने दोस्त के साथ उनके घर आया और दोस्त की मदद से छोटेलाल की दोनों बेटियों विधि व सृष्टि का मुंह दबाकर गला रेतकर कत्ल कर दिया।
इस दौरान वे छोटेलाल व उनकी पत्नी वीरांगना को भी मारना चाहते थे। मगर पत्नी के जागने पर दोनों पर हमला कर भाग गए। इस हमले में दंपती घायल हैं। दोनों का उपचार अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
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मृत बच्ची का फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
पुलिस मुठभेड़ में दो आरोपी घायल
इसी सनसनीखेज वारदात में आरोपियों की तलाश में जुटी कोतवाली पुलिस व एसओजी टीम की बृहस्पतिवार की रात चंदपा क्षेत्र में पापरी रोड पर हत्यारोपियों से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में आरोपी विकास व लालूपाल घायल हो गए। पुलिस ने दोनों घायलों का उपचार जिला अस्पताल में कराया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तमंचा कारतूस भी बरामद किए हैं।
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मृतक बच्ची का फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला
12 जनवरी को हत्या के इरादे से आए थे दोनों
पुलिस पूछताछ में दोनों ने स्वीकारा कि विकास 12 जनवरी को भी अपने दोस्त लालू के साथ रात करीब 11.30 बजे हाथरस पहुंचा था। उसी दिन हत्या करने की भी साजिश थी। उस दिन उसने छोटेलाल की पत्नी वीरांगना के मोबाइल पर कॉल किया। मगर वीरांगना ने उनके मंसूबों पर यह कहते हुए पानी फेर दिया कि रात में आने की जरूरत नहीं। इस कारण उस दिन घटना को अंजाम नहीं दिया जा सका।
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मुठभेड़ के बाद पकड़े गए घायल कातिल
– फोटो : अमर उजाला
न लगे सुराग हाथ, इसलिए ले गए मोबाइल
वारदात को अंजाम देकर 22 जनवरी की रात 12:30 बजे हत्यारोपी अपने साथ वीरांगना का फोन ले गए थे। इसे लेकर यह बात जेहन में अटक रही थी कि आखिर वे मोबाइल किस वजह से ले गए। इस पर हत्यारोपियों ने स्वीकारा कि उन्होंने चूंकि यहां आने से पहले वीरांगना के मोबाइल पर कॉल किया था। इसलिए वे उस मोबाइल को साथ ले गए कि चारों की हत्या करने के बाद कोई जान न पाए कि आखिर मोबाइल कौन ले गया। उन्होंने मोबाइल वारदात से पहले ही अपने पास रख लिया था। वारदात के चंद घंटे बाद ही पूरी घटना का खुलासा हो गया।