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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण – फोटो : पीटीआई
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व्यक्तिगत आयकरदाताओं को कर में सबसे बड़ी छूट देने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमने मध्यम वर्ग के लोगों की आवाज सुनी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को अब्राहम लिंकन को उद्धृत करते हुए आम बजट 2025-26 को ‘लोगों द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का’ बताया।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करों में कटौती के विचार के पूरी तरह समर्थन में थे, लेकिन नौकरशाहों को समझाने में समय लगा। सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा, हमने मध्यम वर्ग की आवाज सुनी है, जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति न होने की शिकायत कर रहे थे।
रुपए में आई गिरावट को किया खारिज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपये की गिरावट को लेकर की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि रुपये में अस्थिरता केवल डॉलर के मुकाबले है। अन्य सभी मुद्राओं की तुलना में रुपये ने अधिक स्थिर तरीके से व्यवहार किया है। डॉलर मजबूत हो रहा है, इसलिए रुपये में अस्थिरता दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 3 प्रतिशत की गिरावट चिंता का विषय है क्योंकि इससे आयात महंगा हो जाता है, लेकिन उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि स्थानीय मुद्रा में व्यापक कमजोरी आई है। मुझे चिंता है, लेकिन मैं इस आलोचना को स्वीकार नहीं करूंगी कि ‘अरे, रुपया कमजोर हो रहा है!’ हमारी समष्टि आर्थिक बुनियाद मजबूत है। यदि हमारी बुनियाद कमजोर होती, तो रुपया सभी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर नहीं रहता।
पिछले कुछ महीनों में भारतीय रुपया दबाव में बना हुआ, लेकिन यह अपने एशियाई और वैश्विक समकक्षों के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के खिलाफ सबसे कम अस्थिर (वोलाटाइल) मुद्रा बनी हुई है। रुपये के लगातार नए निचले स्तर तक पहुंचने के पीछे के कारणों में व्यापार घाटे में वृद्धि और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 में कम ब्याज दर कटौती के संकेत देने के बाद डॉलर इंडेक्स में वृद्धि को माना जा रहा है। खबरों के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को हाजिर बाजार (स्पॉट मार्केट) में तेज गिरावट से बचाने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार से 77 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं।