शव
– फोटो : प्रतीकात्मक
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कहने को कानून में बदलाव हुए हैं। भारतीय न्याय संहिता में की गई नई व्यवस्था में वैज्ञानिक जांच पर ज्यादा जोर है, मगर अभी अपने मंडल मुख्यालय पर विसरा जांच की व्यवस्था नहीं हो पाई है। बहुत से परिवारों को अपनों की मौत का राज जानने का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि संकेत हैं कि नए वित्तीय वर्ष में स्टाफ तैनाती के बाद यहां विसरा जांच शुरू हो सकेगी। निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला सुरेंद्र यादव कहते हैं कि आगामी दो माह में स्टाफ की तैनाती होने की उम्मीद है। इसके बाद यहां विसरा सहित कुछ अन्य जांच शुरू हो सकेंगी।