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विवेक अग्निहोत्री ने कहा, “मैं खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा. मुझे उम्मीद है कि यह उन्हें निगल जाएगा, ताकि वे फिर से जन्म लें- इस बार प्योर फिल्ममेकर्स के रूप में, न कि राक्षस बनाने वाले के रूप में. हमने …और पढ़ें
विवके अग्निहोत्री कई लोगों को राक्षस भी कहा. (फोटो साभारः इंस्टाग्राम @vivekagnihotri)
हाइलाइट्स
- विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड के पतन पर चिंता जताई.
- उन्होंने इंडस्ट्री में नए आइडिया और जुनून की कमी बताई.
- विवेक ने बॉलीवुड को भ्रष्ट और एकाधिकारवादी कहा.
मुंबई. विवेक रंजन अग्निहोत्री अक्सर बेबाकी से बॉलीवुड और सेलेब्स को लेकर अपनी राय रखते हैं. उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में आ रहे चैलेंजेस और पॉजिटिव चैंजेंस पर बात की. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री का पतन हो रहा है. यह इंडस्ट्री के लिए सबसे अच्छी बात हो सकती है. विवेक ने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि इंडस्ट्री नए आइडिया, नए डायरेक्टर्स और जुनूनी फिल्ममेकर्स की कमी की वजह से जूझ रही है. उन्होंने बॉलीवुड की तुलना एक पुरानी इमारत को गिराकर नई बनाने से की.
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर इस बारे में एक लंबा पोस्ट लिखा है. इस पोस्ट को उन्होंने ‘बॉलीवुड इज फॉलिंग’ यानी ‘बॉलीवुड का पतन हो रहा है’ रखा है. इसमें वह लिखते हैं, “बॉलीवुड का पतन हो रहा है- और यह सबसे अच्छी बात हो सकती है. बॉलीवुड बिखर रहा है. और यह इंडस्ट्री के लिए अच्छा है. एक नई इमारत बनाने के लिए, आपको पुरानी को गिराना पड़ता है. यह वही समय है.”
विवेक ने आगे लिखा,”आज, बॉलीवुड में शायद ही कोई स्वतंत्र निर्माता बचे हैं. कोई नए निर्माता नहीं हैं. कोई ताजगी भरे विचार नहीं हैं. कोई नई डिस्ट्रिब्यूशन या मार्केटिंग रणनीतियां नहीं हैं. कुछ साल पहले, दर्जनों स्टूडियो थे- अब केवल दो या तीन बचे हैं, और वे भी एकाधिकारवादी हैं और फिल्म निर्माण के अलावा अन्य कारणों से यहां हैं. सिनेमा के प्रति जुनून को कॉर्पोरेट लालच और एजेंडा-चालित कंटेंट ने बदल दिया है.”

विवेक अग्निहोत्री का पोस्ट. (फोटो साभारः एक्स)
हिंदी नहीं बोल सकते हीरो-हीरोइन!: विवेक अग्निहोत्री
विवेक अग्निहोत्री ने आगे लिखा, “ज्यादातर निर्देशकों ने हार मान ली है और ओटीटी के सामने झुक गए हैं. फिल्म बिजनेस को जीवित रखने के लिए, स्टार-अभिनेताओं की आवश्यकता होती है. लेकिन कोई नए उभरते सितारे नहीं हैं. अगर आप 21-35 आयु वर्ग के किसी को कास्ट करना चाहते हैं, तो आपको लगभग कोई नहीं मिलेगा- न हीरो और न ही हीरोइन. जो कुछ हैं, वे हिंदी नहीं बोल सकते, अभिनय नहीं कर सकते, और अपने काम से ज्यादा इंस्टाग्राम में रुचि रखते हैं. और बिना कुछ खास हासिल किए, वे एक पूरी टीम के साथ आते हैं- मैनेजर, सोशल मीडिया टीम, ट्रेनर और न जाने क्या-क्या.”
विवेक अग्निहोत्री ने बताया बॉलीवुड में कहां-कहां फैला है करप्शन
विवेक अग्निहोत्री ने आगे लिखा, “बॉक्स ऑफिस, जो कभी फिल्म की अंतिम परीक्षा होती थी, अब एक धोखा बन गया है. आप कोई भी डेटा पब्लिश कर सकते हैं, मुफ्त टिकट दे सकते हैं, कॉर्पोरेट बुकिंग की व्यवस्था कर सकते हैं, ऑन लाइनट टिकट प्लेटफॉर्म की बुकिंग में हेरफेर कर सकते हैं- जो चाहें कर सकते हैं. यह सबके लिए खुला है. हर कोई बॉक्स ऑफिस नंबरों के बारे में चिल्ला रहा है, लेकिन उनकी फिल्मों में कहने के लिए कुछ नहीं है. कोई सच्चे क्रिटिक्स नहीं हैं, कोई असली फिल्म पत्रिकाएं या टैब्लॉइड नहीं हैं. कोई भी पैसे देकर कुछ भी लिखवा सकता है. कोई आश्चर्य नहीं, हमेशा की तरह, बॉलीवुड ने आसान रास्ता चुना: हेरफेर और भ्रष्टाचार. विडंबना यह है कि जिन्होंने इस भ्रष्ट चक्रव्यूह को बनाया, वे अब पीड़ित बनने का नाटक कर रहे हैं. उन्होंने जो राक्षस बनाया है, वह अब उन्हें निगलने के लिए तैयार है.”
Mumbai,Maharashtra
March 09, 2025, 10:28 IST