सोनभद्र/एबीएन न्यूज। कोविड-19 महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए शहरी पथ विक्रेताओं के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने उत्तर प्रदेश में लाखों जरूरतमंदों को न केवल राहत दी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त रूप से अग्रसर भी किया है। लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े शहरों में रेहड़ी-पटरी, ठेला, फेरी, और अस्थायी दुकानों से जीविका चलाने वाले लाखों लोगों की आजीविका ठप हो गई थी, जिससे उनके समक्ष भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया था।
ऐसे संकट की घड़ी में भारत सरकार द्वारा 1 जून 2020 को शुरू की गई प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि योजना) ने इन लाखों जरूरतमंदों को फिर से अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर दिया। इस योजना के अंतर्गत आसान किश्तों में ऋण उपलब्ध कराकर पथ विक्रेताओं को पुनः काम शुरू करने हेतु आवश्यक पूंजी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अब तक 19.94 लाख से अधिक शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण वितरित किया जा चुका है। साथ ही लगभग 9.45 लाख पथ विक्रेताओं को डिजिटली सक्रिय किया गया है, जिससे वे डिजिटल भुगतान एवं ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से अपने व्यवसाय को और सशक्त बना रहे हैं।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
प्रथम चरण में ₹10,000 तक का ऋण।
द्वितीय चरण में समय से चुकौती के उपरांत ₹20,000 का ऋण।
तृतीय चरण में ₹50,000 तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है।
लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद और आगरा जैसे 10 मिलियन प्लस शहरों में सर्वाधिक ऋण वितरण। भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को वर्ष 2023-24 में “प्रेज अवार्ड” से सम्मानित किया गया है, जो इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण है। इस योजना के अंतर्गत पथ विक्रेताओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं दी जा रही है, बल्कि 8 अन्य केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से भी उनके परिवारों को लाभान्वित किया गया है। बैंक लिंकेज, आधार वेरिफिकेशन और ऋण मंजूरी की प्रक्रिया को सुगम बनाकर सरकार ने वेण्डर्स के लिए सहज और भरोसेमंद वातावरण निर्मित किया है।