शंकराचार्य सुधाकर धर द्विवेदी के पिता उदयभान धर द्विवेदी पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर सेवानिवृत हुए हैं। वह पहले परिवार के साथ नवाबगंज में रहते थे। सुधाकर ने एसडी कॉलेज से पढ़ाई की। एयरफोर्स में कुछ वर्ष नौकरी करने के बाद हिंदू विचारधारा से जुड़ गए। वह कई शहरों और धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने गए थे और बाद में शहर को छोड़ दिया था। इसके बाद शारदा सर्वज्ञ पीठ कश्मीर के शंकराचार्य बने।
उनके भाई अधिवक्ता पुष्कर द्विवेदी ने बताया कि मालेगांव विस्फोट में एटीएस ने हिंदू संगठन का हाथ होने की बात कर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत हिंदू संगठन के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी थी। बड़े भाई लखनऊ से अयोध्या जा रहे थे। उनको रास्ते में पकड़ लिया गया जबकि एटीएस ने घर से गिरफ्तारी दिखाई थी। एटीएस की टीम ने साक्ष्य बरामद करने के लिए घर की तलाशी ली थी। परिजन और रिश्तेदार बेहद आहत हुए थे। मां विद्यावती की तबीयत भी बिगड़ गई थी। कुछ समय बाद वह स्वर्ग सिधार गईं। घर के लोग परेशान जरूर हुए लेकिन उन्हें न्यायिक प्रणाली पर भरोसा था।
हिंदू संगठनों को बदनाम करने की रची गई साजिश
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने बताया तत्कालीन केंद्र सरकार ने हिंदू संगठनों को बदनाम करने की साजिश रची थी। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों को विस्फोट के आरोपों में गिरफ्तार कर संगठनों पर पाबंदी लगाने की तैयारी थी। एटीएस और एनआईए की कार्रवाई के बाद हिंदू और संगठित हुआ। कोर्ट का फैसला आने के बाद खुशी है। नर सेवा नारायण सेवा न्यास के अध्यक्ष अवध बिहारी मिश्रा ने बताया कि एटीएस से पहले एसआईटी का गठन किया गया था। काफी संख्या में हिंदू संगठनों को आतंकवाद में सक्रिय होने की बात कही गई थी। हालांकि पुलिस की रची कहानी की कलई खुल गई है। कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया।