सोनभद्र/एबीएन न्यूज। उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद सोनभद्र से आज भारत सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)’ के अंतर्गत 30 आकांक्षी जनजातीय जिलों में जनजातीय कौशल केंद्रों का भव्य शुभारंभ हुआ। यह पहल जनजातीय समाज को कौशल, आजीविका और सम्मान से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
यह अभियान कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा जन शिक्षण संस्थानों (JSS) के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 से 2029 तक 1 लाख जनजातीय युवाओं को NSQF अनुरूप कौशल प्रशिक्षण देना है। यह प्रशिक्षण स्थानीय आवश्यकताओं, पारंपरिक ज्ञान और बाज़ार की मांग के अनुसार डिज़ाइन किया गया है ताकि यह सीधे आजीविका से जुड़ सके।
‘DAJGUA’ अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य देश के 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 63,843 जनजातीय बहुल गांवों में 5 करोड़ से अधिक नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, आधारभूत ढांचे और आजीविका के क्षेत्र में समग्र विकास से जोड़ना है। यह कार्यक्रम 17 मंत्रालयों के समन्वय से लागू किया जा रहा है, जो इसे Whole-of-Government Approach का उत्कृष्ट उदाहरण बनाता है।

कार्यक्रम में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि “जनजातीय जिले केवल भौगोलिक पहचान नहीं, बदलाव के केंद्र हैं। यह हमारा नैतिक दायित्व है कि जनजातीय युवाओं को परंपरा और आधुनिकता दोनों से जोड़कर सम्मानजनक आजीविका दें।”
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रशिक्षण स्थानीय संसाधनों, कुटीर उद्योगों और पारंपरिक शिल्प से जुड़ा होना चाहिए ताकि युवा अपने गांव में ही उद्योग खड़ा कर सकें। उन्होंने बेटियों की भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि बेटियां अब ITI, इलेक्ट्रिशियन और प्लम्बिंग जैसे क्षेत्रों में अग्रणी हैं, और यह परिवर्तन दर्शाता है कि यदि अवसर मिले तो कोई क्षेत्र बेटियों के लिए असंभव नहीं।

इस अवसर पर सांसद श्री छोटेलाल सिंह खरवार, विधायक श्री भूपेश चौबे, एवं पूर्व सांसद श्री रामशकल जी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
जिलाधिकारी श्री बद्रीनाथ सिंह, पुलिस अधीक्षक सोनभद्र, और सीडीओ श्रीमती जागृति ने प्रशासनिक स्तर पर सहयोग व प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती सोनल मिश्रा और निसबड की महानिदेशक श्रीमती पूनम सिंह की उपस्थिति ने इसे नीतिगत गहराई और दृष्टि प्रदान की।