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सीतामढ़ी की सिमरन तुलस्यान ने मुंबई में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने नृत्य, अभिनय और निर्देशन में एक अलग पहचान बनाई है. वेब सीरीज ‘मुर्शिद’ में केके मेनन संग काम किया. अब वह जल्द ही फिल्म ‘द पिंक वाल्वर’ में दिखेंगी.
सीतामढ़ी की गलियों से निकलकर मायानगरी मुंबई में अपनी पहचान बना रही सिमरन तुलस्यान ने साबित कर दिया कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती. कोर्ट बाजार निवासी सिमरन को बचपन से ही नृत्य, अभिनय और संगीत में गहरी रुचि थी. पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर उन्होंने अपनी कला को लगातार निखारा. आज वह टीवी, वेब सीरीज और फिल्मों में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही है.

सिमरन ने सिर्फ अभिनय में ही नहीं, बल्कि निर्देशन में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वेब सीरीज ‘मुर्शिद’ में प्रसिद्ध अभिनेता केके मेनन के साथ काम करते हुए उन्होंने सह-निर्देशक की भूमिका भी निभाई. इस मल्टी टैलेंटेड परफॉर्मेंस को दर्शकों और क्रिटिक्स दोनों ने सराहा है. सिमरन की यह बहुमुखी प्रतिभा उनकी मजबूत तैयारी और मेहनत का नतीजा है.

मुंबई में शुरुआती समय सिमरन के लिए आसान नहीं रहा. एक छोटे शहर से आने वाली लड़की के लिए इंडस्ट्री में पैर जमाना चुनौतीपूर्ण था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. छोटी-छोटी भूमिकाओं और शॉर्ट फिल्मों से शुरुआत करते हुए सिमरन ने धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई. “अम्मा जी कब जाओगे” जैसी शॉर्ट फिल्म से उन्हें खासा पहचान मिली.

सिर्फ अभिनय ही नहीं, सिमरन का डांसिंग में भी शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने पटना, वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में मंच पर प्रस्तुति दी है. वह भारतीय प्रवासी दिवस में हेमा मालिनी की डांस टीम का हिस्सा भी रह चुकी हैं. राष्ट्रीय स्तर की कई डांस प्रतियोगिताएं जीतकर उन्होंने अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया है.

सिमरन की सफलता के पीछे उनके माता-पिता नर्मिल तुलस्यान और जुलो तुलस्यान का बड़ा योगदान है. उन्होंने सिमरन के हर फैसले में साथ दिया और उसे खुलकर अपने सपने जीने की आज़ादी दी. परिवार की यह मजबूती ही सिमरन की हिम्मत और आत्मविश्वास की असली वजह बनी.

अब सिमरन जल्द ही बड़े पर्दे पर फिल्म ‘द पिंक वाल्वर’ में मुख्य भूमिका में नजर आएंगी. यह फिल्म उनके करियर की बड़ी छलांग मानी जा रही है. इसमें उनका किरदार एक मजबूत महिला की कहानी कहता है, जो समाज के कई मानकों को चुनौती देती है. दर्शकों को उनके अभिनय की गहराई देखने को मिलेगी.

सिमरन तुलस्यान आज न सिर्फ सीतामढ़ी की, बल्कि पूरे बिहार के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है. उन्होंने दिखाया कि अगर जज्बा हो, तो सीमाएं मायने नहीं रखती. सिमरन का सपना अब सिर्फ उनका नहीं, बल्कि हर उस लड़की का सपना है जो छोटे शहरों से बड़े ख्वाब देखती है.