सोनभद्र/एबीएन न्यूज। जनपद सोनभद्र के पन्नूगंज थाना क्षेत्र में एक सप्ताह पूर्व हुए गंभीर हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दंगा करने वाले 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई राममूर्ति पुत्र अनुरुद्ध निवासी रामगढ़ करौंदिया की लिखित तहरीर पर एएसपी नक्सल के आदेश के तहत की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित राममूर्ति की रामगढ़ बाजार में 17 विस्वा कीमती कृषि भूमि है, जिससे पूरे परिवार का पालन-पोषण होता है। आरोप है कि यह भूमि कानूनगो की नजर में आ गई और उन्होंने इसे अपनी पत्नी के नाम खरीदवाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। जमीन न बेचने पर 20 हजार रुपये पुलिस बल के नाम पर व 10 हजार रुपये लेखपाल व सरकारी रसीद के नाम पर वसूले गए, लेकिन कोई रसीद नहीं दी गई।
राममूर्ति ने आरोप लगाया कि कानूनगो, एक लेखपाल और एक दरोगा ने मिलीभगत करके पट्टीदारों को भड़काया और जमीन हड़पने की साजिश रची। इसका नतीजा यह हुआ कि दिनांक 14 जुलाई 2025 को शाम 6 बजे, कानूनगो की शह पर रितुध्वज व रामदुलारे के उकसाने पर कुल 11 लोगों ने लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।
हमले में राममूर्ति की पोती इंद्रा कुमारी और बेटा सरोज कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें पहले तियरा सरकारी अस्पताल, फिर जिला अस्पताल, और अंततः वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां दोनों का इलाज जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी: गौरीशंकर,हरी कुमार,उमेश (पुत्रगण गौरीशंकर),राजू
रामू (पुत्रगण रितुध्वज),सोनू (पुत्र उमेश),जड़ावती (पत्नी गौरीशंकर),भवानी (पत्नी उमेश),मेली (पत्नी हरी कुमार),रितुध्वज,रामदुलारे इन सभी के खिलाफ दंगा, जानलेवा हमला और साजिश के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
राममूर्ति ने यह भी आरोप लगाया कि घटना की सूचना तत्काल 112 नंबर व स्थानीय थाने को देने के बावजूद, पन्नूगंज पुलिस ने शिकायत को नजरअंदाज कर दिया और थाने से भगा दिया गया। बाद में जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो एएसपी नक्सल के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच विवेचना उप निरीक्षक मुरली यादव को सौंपी गई है।
राममूर्ति ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि परिवार की जान और जमीन की रक्षा सुनिश्चित की जाए तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस से न्याय की उम्मीद टूट चुकी है, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।