कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा कर लिखा, ‘वोट चोरी एक व्यक्ति, एक वोट के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है। चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ है कि पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें। आप भी हमारे साथ जुड़ कर इस मांग का समर्थन करें- http://votechori.in/ecdemand पर जाएं या 9650003420 पर मिस्ड कॉल दें। ये लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा की है।’
‘यह संविधान के खिलाफ अपराध’
राहुल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चुनावों में बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी होने के अपने दावों को दोहराया। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा था कि यह संविधान के खिलाफ अपराध है।
वेब पोर्टल पर क्या-क्या?
- पोर्टल पर एक संदेश भी है, जिसमें कहा गया है कि वोट हमारे लोकतंत्र की नींव है, लेकिन इस पर भाजपा की ओर से सुनियोजित हमला किया जा रहा है, जिसमें चुनाव आयोग भी शामिल है।
- इसमें दावा किया गया, ‘बंगलूरू मध्य के सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र में हमें एक लाख से ज्यादा फर्जी मतदाता मिले, जिन्होंने भाजपा को यह लोकसभा सीट जीतने में मदद की। कल्पना कीजिए कि अगर ऐसा 70-100 सीटों पर हो तो यह स्वतंत्र चुनावों को नष्ट कर देगा।’
- पोर्टल पर दिए गए संदेश में लिखा है, ‘कांग्रेस और भारत ने पहले भी महाराष्ट्र सहित कई जगहों पर चिंता जताई है। अब हमारे पास सबूत हैं। हम इस वोट चोरी से पूरी ताकत से लड़ेंगे। हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे साथ जुड़ें।’
- जब कोई व्यक्ति पोर्टल पर पंजीकरण करता है तो उसके नाम पर एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वह ‘वोट चोरी’ के खिलाफ है।
- प्रमाणपत्र में लिखा है, ‘मैं चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करता हूं।’ प्रमाणपत्र पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कोषाध्यक्ष अजय माकन के हस्ताक्षर हैं।