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एक जानी मानी हीरोइन का हाल ऐसा बेहाल हुआ कि आखिरी दिनों में उन्हें पहचानना भी मुश्किल हो गया. शानो-शौकत उन्हें वैश्यावृति के बाजार में ले आई और बाद में एड्स जैसी बीमारी ने सब तबाह कर दिया. अंत में हाल ये हुआ कि कीड़े पड़ गए.
ये जिंदगी भी बड़ी जालिम है. जब दर्द देती है तो बिल्कुल रहम नहीं खाती. ऐसा ही हुआ था एक मशहूर एक्ट्रेस के साथ. जो पाई-पाई को मोहताज हो गई तो जिस्म के बाजार में उतरना पड़ा. हाल तो ये था कि मौत के बाद के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ. आखिरी समय में वह एक्ट्रेस इस हालत में मिली की शरीर में कीड़े पड़ चुके थे. बॉडी पर चीटियां रेंग रही थीं. जिसने भी शव को देखा, बस मुंह मोड़कर चला गया.

ये कोई छोटी मोटी एक्ट्रेस नहीं बल्कि मशहूर साउथ हीरोइन थीं जिन्होंने साउथ के सबसे बड़े सुपरसस्टार रजनीकांत और कमल हासन के साथ भी काम किया. दोनों के साथ ऐसी फिल्में दीं कि हर कोई उनके नूर से चेहरे और टैलेंट की तारीफ करता नहीं थकता था. मगर एक वक्त ऐसा आया कि उन्हें काम मिलना बंद हो गया.

इस हीरोइन का नाम था निशा नूर, जिन्होंने साउथ मूवीज में खूब नाम कमाया. मगर किस्मत का चक्का ऐसा घुमा कि काम को मोहताज हो गई और जिंदगी के गुजारे के लिए वैश्यावृति के दलदल में घुस गईं. बस इस धंधे में फूल कहां.. सिर्फ कांटे ही कांटे थे.

निशा नूर को जिंदगी में दूसरा झटका लगा जब वह इस दलदल में एड्स की शिकार हो गईं. ऐसे पेशे और बीमारी के बाद अपने-पराए सबने साथ छोड़ दिया. खुद के परिवार ने सब बंधन नाते तोड़ लिए और बेटी को नरक में जीने के लिए छोड़ दिया.

साल 1980 में तमिल फिल्म ‘मंगला नायागी’ के जरिए निशा नूर ने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने ‘टिक टिक टिक’, ‘अय्यर द ग्रेट’, ‘चुवप्पु नाडा’ , ‘मिमिक्स एक्शन 500’, ‘इनिमाई इधो इधो’ जैसी फिल्मों में 5 साल दबाकर काम किया. निशा ने साल 1980 से 1986 तक इंडस्ट्री पर राज किया. इस दौरान उन्होंने साउथ के दिग्गज डायरेक्टर के. बालचंदर , विसु और चंद्रशेख के साथ भी काम किया.

मगर 1986 के बाद निशा नूर का नूर इंडस्ट्री में फीका पड़ने लगा. फिर 90 के दशक में आते आते तो वह काम को मोहताज हो गईं. निशा को इन सालों में शानो-शौकत से रहने की आदत हो चुकी थी. अब पैसा न होना भी उनके जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर बन गया था.

इस वक्त निशा को एक प्रोड्यूसर ने जिंदगी तबाह करने वाली सलाह दीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशा नूर जब काम और पाई पाई को मोहताज हो गई थीं तो एक प्रोड्यूसर ने उन्हें वेश्यावृति में जाने की सलाह दी और लालच दिया कि इस पेशे में बेशुमार दौलत है. अब जिंदगी में निशा को कोई रास्ता नहीं मिला था वह इस दलदल में घुस गईं और ऐसा फंसी कि बदले में मिली तो एड्स जैसी बीमारी.

जिस्मफिरोशी के दलदल में निशा नूर गंदी तरह फंस गई थीं. न परिवार साथ था न कोई यार-दोस्त. ऐसे में वह धीरे धीरे इंडस्ट्री और लाइमलाइट से कोसों दूर हो गईं. फिर एक दिन जो खबर आई उसने सभी को चौंका दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशा नूर साल 2007 में एक दरगाह के बाहर पड़ी मिली थीं. शरीर पर न के बराबर कपड़े थे और कीड़े पड़ चुके थे. जिस्म पर कीड़े-मकौड़े रेंग रहे थे और शरीर एकदम कंकाल सा बन चुका था. फिर जैसे तैसे उन्हें एक एनजीओ के पास लेकर जाया गया. जहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई. मगर नूर की हालत काफी बिगड़ चुकी थी. उनके शरीर पर मांस बचा ही नहीं था. वह एक हफ्ता भी जी नहीं पाई और साल 2007 में चेन्नई के तांबरम में निधन हो गया.